भारत में जिस तेजी से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं, उतनी ही तेजी से ठीक भी हो रहे हैं। जहां देश में कोरोना से संक्रमितों की संख्या 1,337,022 हो गई है, वहीं स्वस्थ हुए कुल लोगों की संख्या 850,107 हो गयी है। देश में शुक्रवार को एक दिन में संक्रमण के सर्वाधिक 49,310 मामले दर्ज किये गये।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि भारत दुनिया में कोरोना वायरस से सबसे कम संक्रमण और मृत्यु दर वाले देशों में से एक है तथा यहां कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के ठीक होने की दर 63.45 प्रतिशत है, जबकि मृत्यु दर 2.3 प्रतिशत है।
संक्रमण से मृत्यु की दर घटकर 2.38 प्रतिशत हुई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि इस बीच देश में लगातार तीसरे दिन कोविड-19 से स्वस्थ हुए लोगों की संख्या 24 घंटे की अवधि में 34,602 के रिकार्ड उच्च स्तर पर पहुंच गयी। मंत्रालय ने कहा कि संक्रमण से मृत्यु की दर घटकर 2.38 प्रतिशत हो गयी है।
हर्षवर्धन ने कहा कि प्रति दस लाख आबादी पर 864 मामले सामने आने और 21 से कम मरीजों की मृत्यु के साथ भारत दुनिया में कोरोना वायरस से सबसे कम संक्रमण और मृत्यु दर वाले देशों में से एक है।
भारत में कोरोना के मरीजों के ठीक होने के कारण
इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होना मंत्रालय के बयान के अनुसार, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किस प्रकार कोरोना वायरस महामारी के दौरान आम लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
प्रयोगशाला तथा अस्पतालों की क्षमता बढ़ना हर्षवर्धन ने इस बीमारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि घातक वायरस पर काबू पाने के लिए क्रमबद्ध तरीके से कार्रवाई शुरू की गई जिसमें यात्रा परामर्श जारी करना, शहर या राज्यों में प्रवेश के स्थानों की निगरानी, समुदाय आधारित निगरानी, प्रयोगशाला तथा अस्पतालों की क्षमता बढ़ाना आदि शामिल था।
कोविड-19 टेस्ट बढ़ना उन्होंने कहा कि देश में 23 जुलाई तक कुल 1,54,28,170 नमूनों की जांच की जा चुकी है। बृहस्पतिवार को 3,52,801 नमूनों की जांच की गयी। मंत्रालय ने कहा, इस लिहाज से भारत में प्रति दस लाख लोगों पर 11,179.83 जांच हो रही हैं और जांच, पता लगाने और उपचार किए जाने की रणनीति अपनाने के बाद उसमें लगतार वृद्धि हुई।
विशेषज्ञों के केंद्रीय दल से मिला बल मंत्रालय ने कहा कि स्वस्थ होने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि के साथ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों को अधिक मरीजों वाले क्षेत्रों में विशेषज्ञों के केंद्रीय दल भेजने से बल मिला।
भारत के पहले स्वदेशी टीके कोवैक्सिन का ट्रायल शुरू भारत के पहले स्वदेशी विकसित कोविड टीके कोवैक्सिन का पहले चरण का मानव परीक्षण शुक्रवार को एम्स में शुरू हुआ और 30 वर्षीय एक व्यक्ति को उसका पहला डेाज दिया गया। पिछले शनिवार से एम्स में इस परीक्षण के लिए 3500 से अधिक स्वयंसेवकों ने पंजीकरण करवाया है। इस अध्ययन से जुड़े एम्स के सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर संजय राय ने यह जानकारी दी।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)