आइए जानिए, हर्ड इम्युनिटी का नया जुमला के बारे में

प्राइवेट प्रयोगशाला थायरोकेयर ने दावा किया है कि हिंदुस्तान की 15 फीसदीआबादी यानी 18 करोड़ हिंदुस्तानियों में कोरोनावायरस के विरूद्ध एंटीबॉडी डेवलप हो चुकी है. वहीं, दिल्ली का सर्वे कहता है

कि हर चौथे नागरिक में कोरोनावायरस के विरूद्ध एंटीबॉडी है. इसका क्या यह मतलब निकाला जाए कि जिस हर्ड इम्युनिटी का इंतजार था, वह हिंदुस्तान में डेवलप हो चुकी है?
कई लोगों के लिए तो हर्ड इम्युनिटी भी नया जुमला ही है. आइए जानते हैं कि यह क्या है? क्या वैक्सीन के आने से पहले यह वायरस के विरूद्ध जंग में किस तरह मददगार साबित हो सकती है?
सबसे पहले जानते हैं, किस आधार पर दावा कर रहा है थायरोकेयर लैब्स?
एंटीबॉडी के विकास व हर्ड इम्युनिटी में संबंध क्या है?
दिल्ली के बारे में किया जा रहा दावा भी क्या हर्ड इम्युनिटी है?
तो क्या हिंदुस्तान में हर्ड इम्युनिटी की स्टेज आ गई है?
क्या हर्ड इम्युनिटी के लिए स्कूल-कॉलेज खोल देना चाहिए?
क्या वैक्सीन के लिए इंतजार करना ही होगा?

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