कोरोना के मरीजोंको वेंटिलेटर की जरुरत होगी या नहीं, इसे समझने के लिए लंदनकिंग्स कॉलेज के शोधकर्ताओं ने रिसर्च की है. शोधकर्ताओंने कोरोना पीड़ितोंको उनके लक्षणों के मुताबिक,
भिन्न-भिन्न 6 ग्रुप में रखा. शोधकर्ताओंने इनके लक्षणों पर बताया इन्हें वेंटिलेटर की कितनी आवश्यकता पड़ेगी. शोधकर्ताओं का बोलना है कि अगर लक्षणों के आधार पर इस बात काे समझलें तो मरीज की हालत गम्भीर होने से रोका जा सकता है.यह रिसर्च कोरोना के 1653 मरीजों पर की गई.
कोविड-19 के लक्षणों के 6 ग्रुप व उसका सटीक अनुमान
पहले दो ग्रुप को कोविड - 19 के बेहद माइल्ड लक्षण दिखे शोधकर्ताओंने दूसरे 1047 कोविड - 19 के मरीजों पर ऐसा ही अध्ययन किया तब भी इसी तरह के ग्रुप बनाए गए. इस बार भी ऐसे ही परिणाम सामने आए. दूसरी स्टडी में शोधकर्ताओं नेसिरदर्द व सुगंध-स्वाद के चले जाने के लक्षणों को भी सभी ग्रुप में देखा गया. जिन्हे कोरोना का हल्का संक्रमण हुआउनमेंस्वाद-सुगंध चले जाने की शिकायत लम्बे समय तक रही थी.
79% सटीक परिणाम शोधकर्ताप्रोफ़ेसर टिम स्पेकटरे ने बोला किपहले पांच दिन में दिखते लक्षणों व आयु पर नजर रखी जाए तो बताया जा सकता है कि मरीज को वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ेगी या नहीं. शोधकर्ता का दावा है कि रिसर्च के दौरान 79 प्रतिशत परिणाम सटीक साबित हुए.