25 जुलाई को है नाग पंचमी : इस दिन बन रहा काल सर्प दोष दूर करने का दुर्लभ योग, करें ये उपाय

हरिद्वार। आगामी 25 जुलाई शनिवार को नागपंचमी का पर्व मनाया जाएगा। नाग पंचमी सूर्य के नक्षत्र में होगी। इस दिन सर्पों की पूजा करने से काल सर्प दोष का निवारण होता है।

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इसी दिन सर्प दोष जो जन्म कुंडली में होता है, उसका निवारण भी किया जाता है। इस दिन चांदी का सर्प बनवाकर सर्प मुख से राहु की पूजा तथा पूछ की तरफ से केतु की पूजा की जाती है। पूजन के बाद उस सर्प को भगवान महादेव पर अर्पण किया जाता है। इससे सर्प दोष दूर होता है। सर्प दोष से संतान प्राप्ति में कष्ट होता है या समझ में न आने वाले रोग से व्यक्ति ग्रसित होता है। इस दोष के कारण प्रेत जन्य बीमारियां भी होती हैं। सर्प दोष कुण्डली में पंचम से एकादश में हो तो सबसे ज्यादा परेशान करता है। उक्त उपाय करने से ये दोष दूर हो जाता है। इसी दिन योगी कुण्डलिनी जागरण योगी शिव के आशीर्वाद से करते हैं।
उन्होंने बताया कि कुण्डलिनी का मुख राहु है और पूंछ केतु है। इस दिन सर्प की पूजा करने से तथा शिव पूजा करने से कुण्डलिनी शक्ति जाग्रत हो जाती है। कुण्डलिनी शक्ति जागरण के लिए नाग पंचमी का दिन श्रेष्ठ है। मिश्रपुरी ने कहा कि जिस व्यक्ति की कुण्डलिनी जाग्रत हो जाती है उसे अष्ट सिद्धि की प्राप्ति होती है।
पंचमी तिथि मुहूर्त
24 जुलाई शाम से 4.10 मिनट से 25 जुलाई को दोपहर 1.55 मिनट तक।
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
सुबह 7.30 मिनट से 9.17 मिनट तक और 11.29 बजे से 12.30 मिनट तक।
कैसे करें महादेव की पूजा
नाग पंचमी के दिन भगवान महादेव और पार्वती की विधि-विधान से पूजन करें। इसके बाद महादेव का रुद्राभिषेक करें। इसके बाद नाग-नागिन की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर दूध, अक्षत, फूल, चंदन और मीठा अर्पित करें। पूजन साम्रगी अर्पित करने के बाद महादेव से अपनी बाधाओं को दूर करने की कामना करें।
मंत्र
सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथिवीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिता।।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।

अन्य समाचार