एंटी वायरल दवा रेमडेसिवीर की कालाबाजारी न हो के लिए सरकार ने लिया ये फैसला

बेंगलूरु। कोविड टास्क फोर्स समिति की मंगलवार को हुई मीटिंग में कई जरूरी फैसला लिए गए. मीटिंग में चिकित्सा एजुकेशन मंत्री डाक्टर के। सुधाकर ने बताया कि कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने के लिए सरकार चार लाख रैपिड एंटीजेन किट पांच लाख स्वाब जाँच किट मंगाएगी.

16 आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन) व 15 ऑटोमेटेड आरएनए एक्सट्रैक्शन इकाई स्थापित की जाएंगी ताकि रोजाना 50 हजार सैंपल जांचने का लक्ष्य पूरा हो सके.
उपचार के लिए अलावा दवाओं को स्वीकृति मिलेगी. एंटी वायरल दवा रेमडेसिवीर की कालाबाजारी न हो इसके लिए यह दवा वैसे सरकारी अस्पतालों में ही उपलब्ध होगी, जबकि व्यक्तिगत अस्पतालों को सरकार ही इसे उपलब्ध कराएगी.
अगले छह माह के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को अलावा वेतन मिलेगा. आयुष चिकित्सकों का मासिक वेतन 48, एमबीबीएस चिकित्सकों का मासिक वेतन 80 हजार व नर्सों का मासिक वेतन 30 हजार रुपए होगा. सरकार ने व्यक्तिगत कोविड जाँच लैबों के लिए जाँच दर तय की है. प्रयोगशाला सरकार द्वारा भेजे गए लोगों से 2000 रुपए व खुद पहुंचने वालों से 3000 रुपए ही ले सकेंगी. ज्यादा शुल्क लेने वाले अस्पतालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई होगी.
निजी अस्पताल 50 प्रतिशत बिस्तर सरकार को देंगे जबकि शेष 50 प्रतिशत बिस्तर का उपयोग वे कोविड या गौर-कोविड मरीजों के इलाज के लिए कर सकते हैं. आयुष्मान भारत आरोग्य कर्नाटक योजना के तहत व्यक्तिगत अस्पताल कोविड मरीजों का इलाज करेंगे. जिन मामलों में मरीज इस योजना के भीतर नहीं आते, उन्हें तय शुल्क के हिसाब से भुगतान करना होगा. कोविड इलाज के लिए उपकरणों और दवाओं की खरीद आदि की निगरानी के लिए विशेष समिति गठित होगी.
चिकित्सकों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए करीब दो लाख 60 हजार एन-95 मास्क खरीदे जाएंगे. उच्च प्रवाह ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 17 सरकारी मेडिकल कॉलेजों के 4,736 बिस्तरों को ऑक्सीजन पाइप लाइन से जोड़ा जाएगा. सरकारी अस्पतालों में उपकरणों की खरीद व मौजूदा सुविधाओं के उन्नयन के लिए 500 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैंं.

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