नई दिल्ली, 22 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत 42 वर्षीय डॉक्टर का कोरोनावायरस से तीन हफ्ते की लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। डॉ.जावेद अली का 24 जून को कोरोनावायरस परीक्षण पॉजिटिव आया था। वह पिछले 10 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।
अप्रैल में दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि यदि किसी स्वास्थ्य कार्यकर्ता की कोरोनावायरस मामलों से जूझने के दौरान मौत होती है तो वह उनके परिवारों के लिए एक करोड़ रुपये मुआवजा देगी।
डॉ.अली के निधन के बाद परिवार ने मुआवजे की मांग करते हुए कहा कि संविदा कर्मियों को बीमारी के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे होने के बावजूद मदद नहीं दी जाती है।
इस बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विटर पर कहा, डॉ. जावेद अली और सभी डॉक्टर अपने जीवन दांव पर लगाकर इस संकट के दौरान अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वह कॉन्ट्रेक्ट पर सेवा दे रहे थे।
उन्होंने आगे मांग की, इन शहीदों के परिवारों के साथ खड़े होने का समय आ गया है। सरकार को डॉ. जावेद के परिवार की हर संभव तरीके से मदद करनी चाहिए।
-आईएएनएस