रेमडेसिवीर नामक इस दवाई की अधिकतम मूल्य रखी गई इतनी

कोरोनावायरस के मरीजों पर कुछ हद तक असरदार साबित हुई रेमडेसिवीर दवा दिल्ली में भी उपलब्ध है. हालांकि यह दवा केवल गिने-चुने स्टोर पर ही मिल रही है.

रेमडेसिवीर, केवल अस्पताल का आधिकारिक पत्र हेड जमा कराने पर ही मिल रही है. दवा की कमी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. दिल्ली सरकार कोरोना के गंभीर रोगियों को रेमडेसिवीर के मुकाबले प्लाज्मा थेरेपी देने को ज्यादा तरजीह दे रही है.
रेमडेसिवीर नामक इस दवाई की अधिकतम मूल्य 54 सौ रुपये है. दिल्ली की होलसेल मेडिसिन बाजार भागीरथ पैलेस में यह उपलब्ध ही नहीं है. यहां दवाओं के होलसेल विक्रेता एच। एस। जैन ने कहा, यह दवाई डिस्ट्रीब्यूटर के जरिए सीधे केमिस्ट को पहुंचाई जा रही है. इस दौरान दवा की खरीद व बिक्री का पूरा रिकॉर्ड रखा जा रहा है.
आजादपुर स्थित दवाओं के एक बड़े डिस्ट्रीब्यूटर सुदीप गोयल ने कहा, हमारे पास रेमडेसिवीर उपलब्ध है लेकिन इसकी बिक्री केवल आधिकारिक केमिस्ट स्टोर के जरिए ही अधिकृत की गई है. हम केमिस्ट स्टोर को भेजे जाने वाले प्रत्येक इंजेक्शन का पूरा रिकॉर्ड रख रहे हैं. इसी तरह केमिस्ट भी केवल अधिकृत अस्पताल द्वारा जारी किए गए मांग लेटर के आधार पर ही यह दवाई दे सकते हैं. इसके लिए केमिस्ट को अस्पताल का मांग लेटर अपने रिकॉर्ड में बिल के साथ संभाल के रखना महत्वपूर्ण है.
मुंबई में शनिवार को रेमडेसिवीर की कालाबाजारी में शामिल सात लोगों को हिरासत में लिया गया है. इनके कब्जे से पुलिस को 13 इंजेक्शन मिले हैं. ये लोग प्रत्येक इंजेक्शन के लिए 30 से 40 हजार रुपये की मूल्य वसूल रहे थे.
रेमडेसिवीर की कालाबाजारी के संबंध में भागीरथ पैलेस के दवा विक्रेता हरीश चोपड़ा ने कहा, वैसे हमारी नजर में अभी तक इस प्रकार के मुद्दे नहीं आए हैं. पुलिस ही इसकी पुष्टि कर सकती है. व्यापारियों से यदि इस संबंध में कोई योगदान मांगा गया तो हम उसके लिए तैयार हैं.
वहीं दिल्ली प्रदेश नियामक ने केमिस्ट संघ को लेटर लिखकर सचेत किया है. प्रदेश नियामक ने बोला है, इस दवा की कालाबाजारी करने वालो के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी. दवा की जमाखोरी करने वाले लोगों को कारागार भी भेजा जा सकता है.
अमेरिका में इस दवा के क्लिनिकल ट्रायल के नतीजों ने उम्मीद जताई है. महामारी के दौर में आवश्यकता को देखते हुए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने आपात स्थिति में इस दवा के प्रयोग की इजाजत दी है.
भारत में इसे इंजेक्शन के रूप में स्वीकृत किया गया है. इंजेक्शन सिर्फ प्रिस्क्रिप्शन पर मिलेगा व अस्पताल या इंस्टीट्यूशनल सेटअप में ही उसका यूज होगा. रेमडेसिवीर पहले इबोला वायरस के लिए भी प्रयोग हो चुकी है. मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम व सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम यानी सार्स पर भी यह दवा असरदार है.

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