कोरोना राहत : कोरोना वायरस के 3 दमदार टीके तैयार, पढ़े

सोमवार शाम कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) तैयार होने की समाचार ने पूरी संसार को राहत दी है। अब हर किसी को लगने लगा है कि इस जानलेवा कोरोना वायरस

(Coronavirus) से बचा जा सकता है। ये अच्छी खबर यहीं समाप्त नहीं हो रही है। दरअसल पूरी संसार में कोरोना वायरस (COVID19) के 3 दमदार टीके तैयार हो चुके हैं व अच्छी बात ये है कि ये तीनों ही ट्रायल के अंतिम चरण में हैं। आइए बतातें हैं कब तक मिल पाएंगे ये टीके आपको
1. सिनोवैक (Sinovac) चीनी वैज्ञानिक कोरोना वायरस के टीके बनाने की दौड़ में सबसे आगे हैं। जिस देश में सबसे पहले ये महामारी फैली उनके वैज्ञानिकों को इस वायरस के टीके तैयार करने के लिए ज्यादा सैंपल मिले। चीनी दवा कंपनी सिनोवैक बायोटेक (Sinovac Biotech) ने खाड़ी राष्ट्रों समेत संसार के कई अन्य राष्ट्रों में अपने वैक्सीन के पास ट्रायल (Vaccine Trails) कर लिए हैं। कुल मिलाकर चीनी कंपनी कोरोना वैक्सीन तैयार करने के बेहद करीब है। कंपनी अपने अंतिम ट्रायल ब्राजील व बांग्लादेश में करना प्रारम्भ कर चुकी है।
2. आस्ट्राजेनेका (AstraZeneca / Oxord University) ये वही टीका है जिसके बारे में आपने सोमवार को सुना होगा। ब्रिटेन (Britain) की ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी(Oxford University) ने इस टीके का नाम आस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ही रखा है। इस टीके का इंसानों पर पास परीक्षण हो चुका है। तीसरे यानि आखिरी चरण के ट्रायल (Final Trails) में इस टीके को ज्यादा समय नहीं लगेगा। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने इस टीके के अंतिम चरण के ट्रायल दक्षिण अफ्रीका व ब्राजील में करने का निर्णय किया है।
3. युनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न (Univerisy of Melborn) ऑस्ट्रेलिया (Australia) स्थित युनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न भी इस दौड़ में आगे ही नजर आ रही है। यहां के वैज्ञानिकों ने सौ वर्ष पुरानी टीबी की दवा (TB Vaccine) से कोरोना वायरस का वैक्सीन तैयार कर लिया है। हालांकि ये टीका कोरोना वायरस से सीधे लड़ने में मददगार नहीं है। लेकिन ये टीका शरीर के भीतर कोरोना वायरस के विरूद्ध इम्युनिटी को जबरदस्त ढंग से बढ़ाने में पास हुआ है। इस टीके के भी दो ट्रायल सारे हो चुके हैं। अंतिम चरण के ट्रायल भी प्रारम्भ हो चुके हैं।
कितने दिन लगेंगे आप तक पहुंचे में? दूसरे चरण के ट्रायल पास होने का मतलब है कि टीका पूरी तरह से तैयार है व ये बीमारी को प्रभावी रूप से समाप्त कर सकता है। लेकिन कोरोना वायरस एक महामारी है व पूरी संसार में हर तबके को संक्रमित कर चुका है। औसतन आखिरी चरण यानि तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में 1 से 4 वर्ष तक का समय लगता है। लेकिन वैज्ञानिकों का बोलना है कि सभी ट्रायल फास्ट ट्रैक मोड में हैं। इस हिसाब से अगस्त के अंतिम सप्ताह या सितंबर के पहले वीक में टीके आम लोगों को उपलब्ध की उम्मीद जताई जा रही है।

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