एक दिलेर खिलाड़ी साबित होने से पहले क्रिकेटर को 22 गज की पट्टी पर कई बार अकेले दिलेरी दिखानी होती है। एबी डिविलियर्स, युवराज सिंह जैसे दिलेर खिलाड़ी यूं ही नहीं बने। अब इसी राह पर इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स चल पड़े हैं, जिन्होंने विश्व कप फाइनल, एशेज सीरीज में जीत दिलाने के बाद अब वेस्टइंडीज के खिलाफ मैनचेस्टर में अकेले दम पर वेस्टइंडीज से पिछले टेस्ट की हार का हिसाब चुकता करा दिया।
बेन स्टोक्स के ऑलराउंड प्रदर्शन के दम पर इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज को 312 रनों का लक्ष्य दिया। इसके जवाब में वेस्टइंडीज की टीम 198 रन पर पवेलियन लौट गई और 113 रन से मैच गंवा बैठी। इसी के साथ तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर हो गई। सीरीज के पहले मैच में कप्तानी करने उतरे बेन स्टोक्स को 4 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। उस मैच में बेन स्टोक्स न तो अच्छी तरह से बल्ला चला था औ नही वे गेंद से कमाल दिखा पाए थे, लेकिन दूसरे मैच में ऐसा नहीं हुआ।
इंग्लैंड की टीम जब मैच के आखिरी दिन सोमवार को मैदान में उतरी तो उसके हाथों में 219 रनों की बड़ी बढ़त और आठ विकेट थे। जरूरत थी तो सिर्फ शुरुआती एक घंटे में फटाफट क्रिकेट में खुद को तब्दील करके तेजी से रन बनाने की। स्टोक्स इसमें सफल भी हुए और 57 गेंद में चार चौके और तीन छक्के की मदद से नाबाद 78 रन बनाकर टीम का स्कोर 19 ओवर में तीन विकेट पर 129 रन पहुंचा दिया। कप्तान जो रूट ने पारी घोषित का इशारा किया, तो उस वक्त तक इंग्लैंड वेस्टइंडीज को 312 रन का बड़ा लक्ष्य दे चुका था।
इसके बाद आधा काम तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने पूरा कर दिया, जिन्होंने तीन विकेट निकालकर वेस्टइंडीज को शुरुआती झटके दे दिए। इसके बाद वेस्टइंडीज संभल नहीं सकी और 198 रनों पर पवेलियन लौट गई। वेस्टइंडीज की ओर से सिर्फ शामर्ह ब्रूक्स (62) और जर्मेन ब्लैकवुड (55) ही साहस दिखा सके, जिन्होंने पांचवें विकेट के लिए 100 रनों की साझेदारी की। स्टोक्स ने पहली पारी में शतक लगाने के अलावा, दूसरी पारी में अर्धशतक और दो विकेट भी हासिल किए।