विशेषज्ञों के अनुसार गहरी नींद मे सोने के बाद एक आदमी के साथ होता है ऐसा

गहरी नींद में सोए हैं व लगता है कि मोबाइल फोन बज रहा है. हम हड़बड़ाकर उठ जाते हैं. पता चलता है कि फोन नहीं अलार्म बज रहा था. ऐसा भी होता है कि हम देर रात तक किसी से बात करते हैं लेकिन दूसरे दिन हमें याद नहीं रहता. विशेषज्ञों के अनुसार हर सात में से एक आदमी के साथ ऐसा होता है.

नींद का नशा- न्यूरोलॉजी जर्नल के अनुसार यह 'स्लीप ड्रंकननेस डिसऑर्डर' (नींद का नशा) है. इसे भ्रामक उत्तेजना भी कहते हैं. गहरी नींद से जागने पर जब हम कंफ्यूज होते हैं तो यह समस्या होती है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ के अनुसार ऐसा तब होता है, जब हमें नॉन रेपिड आई मूवमेंट स्लीप यानी गहरी नींद से जबरन उठा दिया जाए.
इतनी नींद जरूरी- खानपान की तरह नींद भी महत्वपूर्ण है. बच्चे को जन्म से लेकर एक वर्ष की आयु तक करीब 15-16 घंटे सोना महत्वपूर्ण है. प्रेग्नेंट महिला को रात में 7 घंटे के अतिरिक्त दिन में एक से डेढ़ घंटे सोना चाहिए. वयस्कों को 6-8 घंटे सोना चाहिए. बढ़ती आयु में मेलाटोनिन जैसे हार्मोन कम निकलते हैं, इसलिए बुजुर्गों को नींद ना आने की समस्या होती है, फिर भी उनके लिए 9 घंटे सोना महत्वपूर्ण होता है.
उठने के बाद लें टाइम- जिन लोगों को नींद के नशे से उबरने में ज्यादा समय लगता है, उन्हें डॉक्टरी परामर्श लेना चाहिए. इस भ्रामक उत्तेजना के दौरान लोगों को हिंसक होते देखा गया है. ड्राइवर और पायलट जैसे पेशे से संबंधित लोगों को अगर नींद से आकस्मित उठा दिया जाए तो उन्हें ड्यूटी संभालने के लिए कम से कम 15 मिनट इंतजार करना चाहिए वर्ना उनकी असावधानी से अनजाने में बड़ी एक्सीडेंट हो सकती है. अच्छी नींद लेना चाहते हैं तो तनाव न लें. सोने से पहले दिनभर की चिंताओं को छोड़ दें व गैजेट्स से दूरी बनाएं. कॉफी या अल्कोहल ना लें. योगा, संगीत या डांस क्लास से भी नींद की समस्या में सुधार होता है.

अन्य समाचार