इन छह गलतियों के कारण फॉलो नहीं हो पता हैं डाइट प्लान

कोरोना काल में घरों में कैद लोगों को वजन बढ़ने की शिकायत होना लाजिमी है. चूंकि, जिम अभी बंद चल रहे हैं व लोग पार्क में टहलने का जोखिम नहीं उठाना चाहते,

ऐसे में डाइटिंग ही मोटापे पर काबू पाने का सबसे सरल जरिया नजर आती है. ब्रिटिश अखबार 'डेली मेल' ने विशेषज्ञों से वार्ता के आधार पर उन छह गलतियों की सूची जारी की है, जो डाइटिंग पर पानी फेर देती हैं. आइए इन पर नजर डालें-
1.नाश्ता करना महत्वपूर्ण नहीं- असर- -सुबह का नाश्ता नहीं करने पर दोपहर तक खून में ग्लूकोज का स्तर गिर जाता है. जिसकी भरपाई के लिए मस्तिष्क अधिक खाना खाने का संदेश भेजता है. -पिज्जा, बर्गर व केक देखकर मन पर काबू नहीं रहता. इनसान रात के खाने में भी अधिक कैलोरी लेता है. जिसकी वजह से शरीर में फैट जमा होने लगता है.
क्या करें -नाश्ते में प्रोटीन युक्त आहार, मसलन उबले अंडे, दही, बेरी, सालमन मछली, दलिया, कॉर्नफ्लेक्स व फल ज्यादा खाएं. -आहार विशेषज्ञों की मानें तो प्रातः काल उठने के एक घंटे बाद बादाम व अखरोट का सेवन भी नाश्ते की भरपाई कर सकता है.
2.छुट्टी पर छूट चलेगी- असर- -मस्तिष्क सारे सप्ताह फल-सब्जी से लैस आहार लेने को सजा के तौर पर देखता है , मौका मिलने पर सप्ताहांत पर निकालता है कसर. -फास्टफूड में कार्बोहाइड्रेट व फैट की अधिक मात्रा होती है. जिसे शरीर में जमा होने से रोकने के लिए अलावा व्यायाम करना पड़ेगा.
क्या करें- -हफ्ते में एक-दो बर कम मात्रा में पसंदीदा चीजों का सेवन जरूर करें, छुट्टी के दिन कम लगेगी तलब. -तीनों पहर उच्च कैलोरी युक्त आहार न लें, नाश्ता भारी किया है तो दिन व रात में कम खाना खाएं.
3.डाइट ड्रिंक से भय कैसा- असर- -विशेषज्ञों के मुताबिक शरीर को जब मीठे का स्वाद मिलता है, वो भी कम कैलोरी के साथ, तो उसमें व अधिक खाने की तलब जगती है. -टेक्सास यूनिवर्सिटी के एक शोध में पाया गया कि सप्ताह में 21 बार डाइट ड्रिंक पीने वालों में मोटापे व डायबिटीज का खतरा दोगुना होता है.
क्या करें - -दिन में कम से कम आठ से दस गिलास पानी पिएं, प्यास कम महसूस होने से नहीं जगेगी डाइट ड्रिंक पीने की इच्छा. -मीठा पेय पीने की चाह हो तो नारियल पानी पी सकते हैं, शक्कर रहित नींबू पानी का सेवन भी डाइट ड्रिंक से बेहतर.
4.थोड़ा व चलेगा- असर- -काजू, बादाम व पिस्ता में पोषक तत्वों के साथ-साथ कैलोरी की मात्रा भी बहुत ज्यादा अधिक होती है, अत्यधिक सेवन से बढ़ सकता है फैट की चर्बी . -फास्टफूड से दूरी बनाने के बावजूद वजन में नहीं आती गिरावट, चर्बी जलाने व कैलोरी खर्च करने के लिए अधिक करनी पड़ती है मशक्कत.
क्या करें- -ऐसी चीजों को अधिक मात्रा में न रखें, जिनमें पोषक तत्वों का खजाना तो उपस्थित होता है, पर ज्यादा खाने से फैट की चर्बी को दावत मिल सकती है -जिन चीजों में कॉर्न सिरप, ग्लूकोज, डेक्सट्रोज, माल्टोज, लैक्टोज, सुक्रोज, फ्रक्टोज या गैलेक्टोज की मात्रा अधिक हो, उनके सेवन से बचें
5.फैट का फोबिया- असर- -डाइटिंग करने वाले लोग जब फैट युक्त आहार से परहेज करते हैं, तो उन्हें खाने से संतुष्टि नहीं मिलती व पेट खाली महसूस होता है -स्वाद में जो खालीपन आता है, उसकी भरपाई के लिए शक्कर या मैदे से बने पकवान खाने को ललायित होता है मन, अधिक मिलती है कैलोरी
क्या करें- -विटामिन ए, डी, ई व के, फैट सॉल्यूबल विटामिन की श्रेणी में आते हैं, सोखने के लिए शरीर को पड़ती है फैट की जरूरत -ओमेगा-3 फैट से भरपूर दही, मछली, नारियल का तेल, बादाम व सरसों खाएं, उबली सब्जी में मक्खन मिलाना भी फायदेमंद
6. खाने में कटौती काफी- असर- -डाइटिंग करने पर ओवरटाइम करने लगते हैं हार्मोन, शरीर को महसूस होने लगती है ऊर्जा की कमी, आपातकाल के लिए जमा करने लगता है कैलोरी. -ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने पाया कि जब आदमी डाइटिंग करता है, तो उसके शरीर में भूख बढ़ाने वाले घ्रेलिन हार्मोन का स्त्राव 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.
क्या करें -विभिन्न अध्ययनों में सिर्फ ऐसी डाइटिंग को अच्छा माना गया है, जिसमें आदमी कार्बोहाइड्रेट व फैट युक्त आहार कम करके प्रोटीन-विटामिन से भरपूर सामग्री का सेवन बढ़ा देता है, इसके अतिरिक्त डाइटिंग के रंग लाने के लिए व्यायाम करना भी बेहद महत्वपूर्ण है.
सफलता का राज- -78 प्रतिशत छरहरी काया वाले नियमित रूप से करते हैं नाश्ता. -75 प्रतिशत सप्ताह में कम से कम एक बार जरूर नापते हैं वजन. -90 प्रतिशत दिनभर में 30 से 45 मिनट एक्सरसाइज़ के लिए निकालते हैं.

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