पूरे 20 साल बाद सोमवती अमावस्या पर बना महा संयोग, जानिए तिथि मुहूर्त और महत्व

सोमवार को होने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) के नाम से जाना जाता है और इस बार तो यह सावन मास के सोमवार को पड़ रही है। सावन के सोमवार भगवान शंकर को समर्पित हैं इसलिए सावन में पड़ने वाली सोमवती अमावस्‍या (Somvati Amavasya) का महत्‍व और भी बढ़ जाता है।

बता दें कि, सोवमती अमावस्या के दिन भगवान शंकर, पार्वती, गणेजी और कार्तिकेय की आराधना की जाती है। सावन सोमवार और सावन की सोमवती अमावस्या को जलाभिषेक और पूजा-पाठ करने का विशेष फल प्राप्त होता है। बहुत से भक्त भगवान शंकर की असीम कृपा के लिए सोमवती अमावस्या को उपवास भी रखते हैं। सोमवती अमावस्या को महिलाएं पीपल व तुलसी के पेड़ की 108 परिक्रमा भी करती हैं। कई इलाकों पर सोमवती अमावस्या के दिन पितर भगवानों की पूजा करने और श्राद्ध करने की भी पुरानी परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि इससे अज्ञात तिथि पर मरे हुए पूर्वजों को मुक्ति मिलती है।
शास्त्रों के अनुसार, सोमवती अमावस्या के दिन किया गया दान काफी फलदायी होता है। 20 जुलाई 2020 को ऐसा संयोग बन रहा है कि श्रावण के सोमवार के दिन ही सोमवती अमावस्या है और सारे दिन ही अमावस्या पर्व रहेगा। बता दें कि इससे पहले साल 2020 में ऐसा संयोग बना था।
तिथि मुहूर्त-
सोमवती अमावस्या प्रारंभ -20 जुलाई की रात 12 बजकर 10 मिनट पर
अमावस्या समाप्त- 20 जुलाई की रात 11 बजकर 2 मिनट पर
कोरोना महामारी को ध्यान रखें पालन करें सोशल डिस्टेंसिंग-
कोरोना महामारी को देखते हुए लोगों को सलाह दी जाती है कि आपके इलाके में अगर मंदिर खुले हों तो वहां फेसमास्क या मास्क (Mask) पहनकर जाएं और सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन करें। अपने पास सैनिटाइजर रखें और किसी भी चीज को छूने में परहेज करें। अगर मंदिर में भीड़भाड़ का माहौल हो तो घर में ही पूजा करें।

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