वेस्टइंडीज (West Indies) के विरूद्ध मैनचेस्टर में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में बेन स्टोक्स ने इंग्लैंड के लिए शतक जड़ा। इस शतक के साथ ही उन्होंने चौथे विकेट के लिए सिबले के साथ रिकॉर्ड 260 रनों की साझेदारी की।
बेन स्टोक्स (Ben Stokes) की शानदार पारी के बाद महान माइकल वॉन ने उन्हें 'फ्रीक' (कुछ ऐसा करने वाला इंसान जो आम न हो)। हालांकि अब ऐसी पारियां खेलना स्टोक्स के व्यक्तित्व का भाग बन चुका हैं। बीते एक वर्ष में स्टोक्स ने खुद को सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर साबित किया है व इंग्लैंड (England) टीम की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरे हैं। कुछ वर्ष पहले तक स्टोक्स की छवि एक बिगडै़ल, झगड़ालू क्रिकेटर के तौर पर होती थी जो अकसर विवादों में होते हैं। बेन स्टोक्स का है बेकार अपराधी रिकॉर्ड 25 सितंबर 2017 को एक नाइट क्लब के बाहर स्टोक्स के अरैस्ट होने की समाचार आई थी। बाद में बोला गया कि वह सिर्फ दो मासूम लोगों का बचाव कर रहे थे। हालांकि कुछ समय बाद 'द सन' ने वीडियो शेयर किया जिसमें वह बेन स्टोक्स (Ben Stokes) ने वहां दिखाई दे रहे चार-पांच लोगों को बहुत बुरी ढंग से पीटते दिख रहे थे। पुलिस को रात करीब 2:35 बजे नाइटक्लब में हाथापाई की सूचना मिली, इसके बाद पुलिस ने 26 वर्षीय स्टोक्स को हिरासत में ले लिया। घटना के एक दिन बाद वह सीसीटीवी फुटेज भी सामने आ गया था, जिसमें स्टोक्स हाथापाई करते हुए नज़र आ रहे थे। यह वीडियो बहुत ज्यादा वायरल भी हो गया था। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने उन्हें निलंबित कर दिया था। इस घटना के समय स्टोक्स के साथ रहे एलेक्स हेल्स को भी निलंबित किया गया था।उन्हें मुद्दे की सुनवाई का निर्णय न आने तक टीम से बाहर कर दिया गया था। इससे पहले बेन स्टोक्स (Ben Stokes) को साल 2012 में भी हिरासत में लिया गया था व बाद में पुलिस ने उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया था। साल 2013 में उन्हें देर रात शराब का सेवन करने के आरोप में इंग्लैंड लायंस टूर से घर वापस भेज दिया गया था। निलंबित होने के बाद 2017 -18 की एशेज श्रृंखला नहीं खेल सके थे। इस घटना के बाद जब भी बेन स्टोक्स का नाम सुर्खियों में आया वह केवल अच्छे कारणों की वजह से ही था।पहली बार इंग्लैंड को बनाया वर्ल्ड चैंपियन पिछले वर्ष इंग्लैंड अपनी सरजमीं पर वर्ल्ड कप खेल रहा था। बेन स्टोक्स इस वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के सुपर हीरो साबित हुए। सिर्फ फाइनल ही नहीं स्टोक्स ने सारे टूर्नामेंट में बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए टूर्नामेंट में कुल 66.42 की औसत से 465 रन बनाए। फाइनल में भी स्टोक्स (Ben Stokes) ने 84 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेलते हुए टीम की उम्मीदों को ज़िंदा रखा। इसके अतिरिक्त स्टोक्स ने टूर्नामेंट में 7 विकेट भी झटके। बल्लेबाज़ी व गेंदबाज़ी के साथ-साथ स्टोक्स ने फील्डिंग में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया व टूर्नामेंट में 3 कैच लपके।फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड द्वारा दिए गए 242 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय इंग्लैंड की टीम ने 23.1 ओवर में सिर्फ 86 रन के स्कोर पर अपने शीर्ष 4 विकेट गंवा दिए थे। एक वक़्त ऐसा लगा कि न्यूजीलैंड आसानी से जीत हासिल करेगा लेकिन तभी न्यूजीलैंड और उसके पहले खिताब के बीच स्टोक्स आकर खड़े हो गए। स्टोक्स ने 84 रनों की पारी खेलकर मैच को टाई कराने में अहम किरदार निभाई। सुपर ओवर में भी इंग्लैंड की तरफ ये बेन स्टोक्स व जोस बटलर बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरे। बेन स्टोक्स ने सुपर ओवर में भी टीम को निराश नहीं किया व उन्होंने 3 गेंदों पर 1 चौके की मदद से 8 रन बनाए. मैच सुपर ओवर में भी टाई रहा मगर मैच के दौरान व सुपर ओवर में कुल मिलाकर ज्यादा बाउंड्री लगाने की वजह से इंग्लैंड विजेता बनी।एशेज में खेली थी कभी न भूलने वाली पारी इंग्लैंड ने बेन स्टोक्स (Ben Stokes) के नाबाद शतक ((135) की बदौलत एशेज सीरीज (Ashes Series) के तीसरे टेस्ट में एक विकेट से हराकर इतिहास रच दिया था। ऑस्ट्रेलिया के 359 रन के लक्ष्य को इंग्लैंड ने 9 विकेट गंवाकर हासिल किया। स्टोक्स इंग्लैंड की जीत के नायक रहे जिन्होंने अकेले दम पर टीम को पराजय के शिकंजे से बाहर निकाला व फिर जीत दिला दी। उन्होंने अपनी पारी में 11 चौके व 8 छक्के लगाए व कंगारूओं से जीत छीन ली। आखिर में वे क्रैंप्स से जूझ रहे थे लेकिन उन्होंने पराजय नहीं मानी। जब इंग्लैंड के पास केवल एक विकेट बचा था तब इस ऑलराउंडर ने तूफानी रूप अपनाया व चौके-छक्कों की बौछार कर दी। आखिरी बल्लेबाज जैक लीच ने उनका बखूबी साथ दिया व विकेट पर डटे रहे। आखिरी विकेट के लिए स्टोक्स व लीच ने 76 रन जोड़े जिसमें लीच का सहयोग केवल एक रन था।