झारखंड सरकार का बड़ा फैसला, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल के कैदियों को पेंशन देने का किया ऐलान..

मुख्यमंत्री ने कहा, जेल प्रशासन द्वारा कार्य के एवज में मिल रहे लाभ के अतिरिक्त पेंशन देने की योजना सरकार की है। राज्य की विभिन्न जेलों में बंद अनुसूचित जाति व जनजाति बंदियों के अपराध की प्रकृति की सूची तैयार की जाए, जिससे राज्य सरकार उनके लिए कुछ कर सके।

उल्लेखनीय है कि राज्य में बंदियों को रिहा करने के लिए बंदियों के अपराध की प्रकृति, आचरण, उम्र, जेल में व्यतीत वर्ष, उनकी आपराधिक मानसिकता, बंदी के परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का अवलोकन कर किया जा रहा है। जघन्य अपराध की श्रेणी में आने वाले बंदियों पर किसी तरह का विचार नहीं किया जा रहा है। छोटी-छोटी बात व गैर इरादतन हत्या करने के दोषी बंदियों के मामले भी सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री ने बंदियों को जेलमुक्त करने से पूर्व काउंसलिंग करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए, ताकि रिहा होने के बाद वे किसी तरह की आपराधिक गतिविधियों में शामिल न हों।
मुख्यमंत्री ने ऐसे लोगों के लिए मनोचिकित्सक की नियुक्ति करने का निर्देश देते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि मनोचिकित्सक राज्य की जेलों में बंदियों का काउंसलिंग कर सकें। उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे राज्य के लिए यह जरूरी है। ज्ञान के अभाव में बंदी कानूनी लड़ाई लड़ पाने में असक्षम हैं।

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