दुनिया में 1 अगस्त से 7 अगस्त तक करीब 120 देशों में वल्र्ड ब्रेस्ट फीडिंग डे मनाया जा रहा हैं। जहां आज सारी दुनिया ब्रेस्ट फीडिंग के फायदों को जानकर उसको अपना रही हैं। ब्रेस्ट फीडिंग से होने वाले फायदों की जानकारी हमारे पूर्वजों को पहले से ही थी। जिस वजह से हमारे यहां पर ब्रेस्ट फीडिंग प्राचीन समय से ही कराई जाती रही हैं।
लेकिन भारत में वक्त के साथ पुरानी मान्यता और परम्पराएं बदल रही हैं। ऐसे में कुछ महिलाएं अपने आप को ब्रेस्ट फीडिंग से बचाती हैं। इसके पीछे कई मिथ्या विचार और भ्रातियां हैं। जिनकी वजह शिशुओं को जन्म के कुछ समय बाद या जन्म के समय से ही बोतल का उपयोग होने लगा हैं। आज आपको कुछ बातें बताएंगे जिनको जानकर आप चौंक जाएंगे।
यह कहा जाता है कि ब्रेस्ट फीडिंग से बे्रस्ट का साइज परिवर्तित हो जाता हैं। लेकिन एक सराकर गलत हैं। सच्चाई यह है कि ब्रेस्ट फीडिंग करने से बे्रस्ट और भी हेल्दी हो जाती हैं।
यह कहा जाता है कि मां की तबीयत खराब शिशु को ब्रेस्ट फीडिंग नहीं करना चाहिए। लेकिन यह गलत है तबीयत खराब होने पर भी मां अपने बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग करा सकती हैं। इससे बच्चे की हैल्थ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं।
अक्सर यह माना जाता है कि जिस महिला के ब्रेस्ट का आकार छोटा होता हैं वो महिला अपने बच्चें को पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं पिला पाती हैं। लेकिन यह सरासर गलत हैं मां अगर स्वस्थ है तो बच्चे को पर्याप्त मात्रा में दूध पिला सकती हैं।
यहां कहा जाता है कि ब्रेस्ट फीडिंग केवल बच्चों के लिए फायदेमंद हैं। लेकिन अगर महिला नियमित रूप से बच्चों को दूध पिलाती है तो उस महिला को भी ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा कम हो जाता हैं।