चाणक्य निति के अनुसार जो लोग करते है ये काम, उनसे कभी खुश नहीं होती माँ लक्ष्मी और घर में भी रहती है पैसे की कमी

चाणक्य के अनुसार धन की देवी लक्ष्मी का स्वभाव चंचल होता है. इसलिए लक्ष्मी जी की कभी एक स्थान पर अधिक देर तक नहीं रहती हैं. चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति जीवन में धन का संचय और उचित प्रबंधन नहीं करता है वह समय आने पर दुख उठाता है.

चाणक्य के अनुसार धन उसी के पास टिक कर रहता है जिसमें अच्छे गुण होते हैं. गलत आचरण करने वाले व्यक्ति के पास से धन बहुत जल्दी चला जाता है. इसलिए गलत आदतों से व्यक्ति को बचना चाहिए.
लालच करना सबसे बुरी आदतों में से एक मानी गई है. लालच ही सभी परेशानियों की जड़ है. इसलिए लालच नहीं करना चाहिए. जो लोग लालच करते हैं और दूसरों की तरक्की से जलते रहते हैं ऐसे लोगों का भी लक्ष्मी जी त्याग कर देती हैं. ऐसे लोग कभी प्रसन्न और संतुष्ट नहीं रहते हैं. लक्ष्मी जी द्वारा त्याग किए जाने से ऐसे लोगों का जीवन संकटों से भर जाता है.
धनवान बनने के लिए व्यक्ति को क्रोध नहीं करना चाहिए. लक्ष्मी जी ऐसे लोगों के पास कभी नहीं जाती हैं जो क्रोध करता है. क्रोध करने वाले व्यक्ति से भी दूसरे लोग दूरी बना लेते हैं. क्रोध करने वाला व्यक्ति स्वयं पर नियंत्रण नहीं कर पाता है इसलिए लक्ष्मी जी ऐसे लोगों को कभी अपना आर्शीवाद नहीं देती हैं.
दूसरों का अपमान करने वालों से लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है. ऐसे लोगों से लक्ष्मी जी प्रसन्न नहीं होती है. इसलिए कभी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए. अपमान करने से शत्रुता पनपती है और अपयश प्राप्त होता है. इसलिए इस आदत से बचना चाहिए.

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