मुंबई, 16 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) के लिए एक निष्पक्ष आचार संहिता पेश की है, जिसमें केंद्रीय बैंक ने एआरसी से कहा है कि वे संभावित खरीददारों के साथ इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 की धारा 29ए की भावना के अनुरूप बर्ताव करें। आईबीसी की धारा 29ए के अनुसार, कोई विलफुल डिफाल्टर या कोई व्यक्ति जो प्रमोटर था या कॉरपोरेट देनदार के प्रबंधन में था, उसे अन्य शर्तो के अलावा संबंधित दिवालिया कंपनी के लिए बोली लगाने की अनुमति नहीं होगी।
सुरक्षित संपत्तियों की बिक्री प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के क्रम में आरबीआई की संहिता कहती है कि नीलामी में भागीदारी के लिए निमंत्रण सार्वजनिक रूप से दिया जाएगा, और इस प्रक्रिया से यथासंभव अधिक से अधिक खरीददारों की भागीदारी संभव होगी।
इस तरह की बिक्री के नियम और शर्ते एसएआरएफएईएसआई अधिनियम 2002 के अनुसार जमानती प्राप्तियों में मौजूद निवेशकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद तय की जा सकती हैं।
आरबीआई के दिशानिर्देश में कहा गया है कि एआरसी संपत्तियों के अधिग्रहण में पारदर्शी और भेदभाव रहित परंपराओं का अनुसरण करेंगी।
-आईएएनएस