जब की बहुत सी ऐसी क्रियाएं होती है जिन्हें हम गलत मानते है लेकिन इनका भी शरीर पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। रोना भी एक ऐसी क्रिया है जो शरीर, मन एवं स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव डालती है। शारीरिक या मानसिक या दोनों ही कष्टों के कारण रोना आता है।
- रोने के कारण श्वास की गति बढ़ जाती है, आंखें पानी से भर जाती हैं और बोलने में रूकावट उत्पन्न होती है। आंखों की ग्रंथियों में से आंसू बहते हैं। जन्म के समय से मरने तक व्यक्ति काफी बार रोता है।
- रोना सेहत के लिए अच्छा होता है। जब भी रोना आए, इसे नहीं रोकना चाहिए। ऐसा करने से कई रोग हो सकते हैं। रोने से मन शांत हो जाता है, आंखें साफ हो जाती हैं और आंखों को आराम मिलता है।
- रोने की क्रिया होती है तो शरीर में वायु उत्पन्न होती है। इसे शरीर में से रोने पर ही निकाला जा सकता है। इसलिए अगर न रोया जाए तो यह वायु शरीर के अंदर नुक्सान करती है।
- आंखों में निरंतर ही अश्रु-गंरथियों में आंसुओं का निर्माण होता रहता है। अगर रोने पर ये बाहर न निकलें तो ये दूषित हो जाते हैं। रोने के बाद प्रसन्न होने का प्रयास करना चाहिए। इससे शरीर को लाभ पहुंचाता है।