कुशीनगर .उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में कोविड एल-वन अस्पताल लक्ष्मीपुर में बुधवार को कोरोना संक्रमितों में दुर्व्यवस्था को लेकर हंगामा कर दिया. वार्ड से बाहर निकल कर नारेबाजी कर रहे मरीज सड़क पर पहुंच कर रोड जाम करने की धमकी देने लगे तो अस्पताल कर्मियों के हाथ पांव फूल गए. मरीजों की देख रेख में लगे कर्मचारी भाग खड़े हुए. मुश्किल से समझा बुझा कर अस्पताल के नोडल अफसर ने मरीजों को वार्ड में भेजा.
जिलाधिकारी भूपेन्द्र एस चौधरी ने कहा कि बिजली नहीं थी, इसलिए पानी की समस्या थी. अस्पताल में चौबीस घंटे जेनरेटर की व्यवस्था करा दी गयी है. मरीजों को समझना होगा कि अस्पताल में घर जैसी व्यवस्था नहीं मिल सकती.
जिले में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए लक्ष्मीपुर के आश्रम पद्धति विद्यालय को कोविड एलवन अस्पताल के रूप मे तब्दील किया गया है. यहां भर्ती मरीजों ने बुधवार को सुबह करीब दस बजे अचानक हंगामा शुरू कर दिया. वार्ड से बाहर निकल आए और नारेबाजी करने लगे. अस्पताल कर्मी बाहर निकल गए. अस्पताल के नोडल अफसर ने उन्हें दूर से समझाने का प्रयास किया मगर मरीज मानने को तैयार नहीं थे. मरीज सड़क पर निकल कर रोड जाम करने की धमकी देने लगे. नोडल अफसर ने समस्या पूछी तो मरीजों ने आरोपों की झड़ी लगा दी. गंदगी, बिजली पानी नहीं होने, भोजन व नाश्ते की कमी का आरोप लगाने लगे. आरोप लगाया कि सफाईकर्मी नहीं आते हैं, इसलिए बाथरूम में गंदगी पसरी है. पीने का पानी नहीं है, आरओ की टंकी सूखी हुई है. एक मरीज का आरोप था कि उसके छोटे बच्चों को दूध नहीं मिल रहा है. नोडल अफसर ने तत्काल सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त कराने का आश्वासन देकर मरीजों को वार्ड में भेजा. इसके चलते करीब 20 मिनट तक अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल रहा.
जिलाधिकारी भूपेन्द्र एस चौधरी ने बताया कि बरसात के चलते लंबे समय तक बिजली कटी थी. इसलिए सुबह पानी की व्यवस्था देर से हुई. अब वहां चौबीस घंटे के लिए जेनरेटर की व्यवस्था करा दी गयी है. बिजली सप्लाई भी ठीक हो गई है. अन्य कोई समस्या नहीं थी. मरीजों को भोजन सादा और पौष्टिक दिया जा रहा है. मसालेदार भोजन की मांग ठीक नहीं है. सफाईकर्मी भी नियमित जाकर सफाई करते हैं. बच्चे को दूध नहीं मिलने की जानकारी नहीं थी. इसकी व्यवस्था की जा रही है. मरीजों को समझना होगा कि अस्पताल में घर जैसी सुविधा नहीं दी जा सकती.