नई दिल्ली: मंगलवार को एमसीएक्स पर कॉपर की कीमतें 0.61 फीसदी गिरकर 501.30 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गईं. सोमवार को एमसीएक्स पर कॉपर के दाम रिकॉर्ड 509.25 रुपये प्रति किलोग्राम की ऊंचाई पर पहुंच गए थे.
साप्ताहिक आधार पर बात करें तो कॉपर के दाम 6 फीसदी चढ़े हैं. मार्च के निचलों स्तरों से कॉपर का भाव 46 फीसदी उछला है. सोमवार को विदेशी बाजार में भी कॉपर के दाम 18 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गए थे. लंदन मेटल एक्सचेंज में कॉपर के दाम 6632.25 डॉलर पर पहुंच गए थे. आइए जानते हैं कि कॉपर में आगे कैसा रुख रहेगा.
मोतीलाल ओसवाल के वीपी (कमोडिटी रिसर्च) नवनीत दमानी का कहना है कि कॉपर की कीमतें इसलिए नहीं उछल रही हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में रिकवरी है बल्कि इसकी वजह दूसरी है. जून में चीन में बैंकों से कर्ज लेने की दर 22.3 फीसदी बढ़ी है. इससे बाजार में कैश बढ़ा है.
इसके अलावा दक्षिण अमेरिका में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से कॉपर का उत्पादन घटा है. कॉपर के उत्पादन में अग्रणी चिली में कॉपर माइनिंग से जुड़े कई श्रमिक बीमार हो गए हैं. चिली दुनिया का सबसे बड़ा कॉपर उत्पादक है. दुनिया में कॉपर की सप्लाई में 25 फीसदी हिस्सेदारी चिली की है.
चीन से भी कॉपर की मांग बढ़ रही है. इस वजह से मार्च के निचले स्तरों से कॉपर का दाम 46 फीसदी चढ़ चुका है. अब कीमतें ओवरप्राइस्ड लग रही हैं. इस वजह को ध्यान में रखते हुए निवेशकों को एमसीएक्स पर 510 रुपये पर बिकवाली की सलाह है. निवेशक 520 स्टॉपलॉस लगाएं और अगले 10 करोबारी सत्रों में 480 रुपये प्रति किलोग्राम का लक्ष्य रखें.
केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया का कहना है कि शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज के गोदामों में कॉपर स्टॉक 20,018 टन बढ़कर 1,37,336 टन हो गया. एलएमई-पंजीकृत गोदामों में ऑन-वारंट स्टॉक 6,200 टन गिरकर 88,600 हो गया, जो 16 जनवरी के बाद से सबसे कम है. लेकिन डिमांड अब भी काफी कम बनी हुई है.
उनका कहना है कि जिस तरह से कोरोना वायरस के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं, उससे लगता है कि सरकारें फिर से लॉकडाउन लगाएंगी. ऐसे में कॉपर की मांग पर असर होगा. उनका कहना है कि निवेशक दो दिन के लिए एमसीएक्स पर कॉपर 510 रुपये के आसपास बेचें. इस हफ्ते के अंत तक 490 रुपये का लक्ष्य रखें.
हिन्दी में शेयर बाजार और पर्सनल फाइनेंस पर नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. पेज लाइक करने के लिए