जानिए क्या है स्लीप पैरालिसिस और कैसे बचें इससे

स्लीप पैरालिसिस एक ऐसा नींद से संबंधित डिसआर्डर है। इस डिसआर्डर में व्यक्ति को कुछ समय के लिए पैरालिसिस होने का अहसास होता है और उस समय उसकी मसल्स बिल्कुल भी मूव नहीं होती। कई बार इस स्थिति में व्यक्ति ठीक से बोल भी नहीं पाता। जिन लोगों को स्लीप पैरालिसिस की समस्या होती है, उन्हें अक्सर छाती में भारीपन का अहसास होता है, जिसके कारण सांस लेने में परेशानी होती है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तारपूर्वक−

क्या है स्लीप पैरालिसिस
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि स्लीप पैरालिसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हम सचेत या जाग्रत होते हैं लेकिन अपने शरीर को हिलाने में असमर्थ होते हैं। यह या तो तब होता है जब हम सोने से पहले या जागने की सीमा पर होते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि कई बार यह स्थिति व्यक्ति को डरा सकती है, क्योंकि वह मानते हैं कि उन्होंने कुछ सुना था, कुछ महसूस किया था या कुछ देखा था, जो वास्तव में मौजूद नहीं है। स्लीप पैरालिसिस की अवधि सिर्फ 1−2 मिनट तक रहती है। जब कोई व्यक्ति आधा सोता है और आधा जागता है, तो नींद के पक्षाघात की संभावना बढ़ जाती है।
क्यों होता है स्लीप पैरालिसिस
अब सवाल यह उठता है कि लोगों को यह समस्या क्यों होती है। चिकित्सक बताते हैं कि कुछ कारणों जैसे कुछ मेडिकल कंडीशन जैसे बाइपोलर डिसआर्डर, मेंटल डिसआर्डर, कुछ दवाओं का सेवन, नशीली दवाओं का सेवन, नींद की कमी व नार्कोलेप्सी जैसी समस्या के कारण व्यक्ति को स्लीप पैरालिसिस हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, अधिकतर मामलों में यह घातक नहीं होता है, लेकिन फिर भी बार−बार यह समस्या होने पर हेल्थ चेकअप करवाना चाहिए।
ऐसे बचें इससे
डॉक्टर कहते हैं कि अगर आपको कभी−कभी स्लीप पैरालिसिस की समस्या होती है तो इससे घबराने की जरूरत नहीं है। आप कुछ छोटी−छोटी बातों का ध्यान रखकर इसे आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं। जैसे− सबसे पहले तो आप पर्याप्त नींद लें। नींद की कमी स्लीप पैरालिसिस के अलावा अन्य भी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती है।
तनाव को दूर करके खुद को रिलैक्स करने के लिए कुछ कदम उठाएं। यह सुनिश्चित करें कि आप बेडटाइम में ऐसा कुछ करें, जिससे आप खुद को शांत महसूस करें।
अपने सोने के पैटर्न को बदलने की कोशिश करें। मसलन, अगर आप पीठ के बल सोते हैं तो अब अपनी पोजिशन चेंज करें।

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