खराब खान-पान और गलत आदतों की वजह से बवासीर की समस्या आम हो गई हो गई है। बवासीर दो तरह की होती है आंतरिक बवासीर और बाहरी बवासीर। आंतरिक बवासीर में असहनीय दर्द होता है जिसके कारण कई बार मल त्याग में खून भी आ जाता है। इसे खूनी बवासीर भी कहा जाता है।
बाहरी बवासीर में गुदा के आस पास मस्से हो जाते हैं, इन मस्सों में दर्द नही होता, लेकिन खुजली अधिक होती है। हम आपको बताएंगे बवासीर की अचूक दवा के बारे में जिसकी मदद से आप पुरानी से पुरानी बवासीर को बिना ऑपरेशन जड़ से ठीक कर सकते हैं।
यह एक ऐसी असहनीय समस्या है जिसमें दर्द की वजह से आपको बैठने या फिर लेटने में भी परेशानी हो सकती है. ऐसी स्थिति में खानपान पर भी ध्यान रखने की जरूरत होती है। हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका बवासीर के दौरान सेवन नहीं करना चाहिए।
मांस, मछली और अंडा खाने से बचें बवासीर के रोगियों को मांस, मछली और अंडा खाने से परहेज करना चाहिए। असल में ये चीजें गर्म होती हैं और साथ ही इन्हें पचाने में थोड़ी मुश्किल भी होती है। इसलिए बेहतर है कि आप इन चीजों से दूर ही रहें।
सुपारी, गुटखा, सिगरेट और पान मसाला इन चीजों का सेवन तो वैसे ही नुकसानदायक होता है। यह कैंसर का कारण बन सकता है। यह बवासीर के रोगियों की तकलीफ और बढ़ा सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि सुपारी युक्त किसी भी चीज के सेवन से बचें।
मिर्च बवासीर के रोगियों को मिर्च का सेवन तो करना ही नहीं चाहिए, चाहे वो हरी या लाल मिर्च। ऐसा इसलिए, क्योंकि मिर्च का सेवन मरीज के दर्द और जलन की समस्या को और बढ़ा सकता है।
राजमा, मसूर और बीन्स बवासीर के रोगियों के लिए इन चीजों का सेवन भी नुकसानदायक होता है। वैसे आमतौर पर ऐसी चीजें लोगों को बहुत पसंद आती हैं, लेकिन अगर आप बवासीर से परेशान हैं तो आपके लिए बेहतर होगा कि आप इन चीजों से दूरी बनाए रखें।
बवासीर के घरेलू इलाज के लिए हल्दी
हल्दी हमारे रसोई का एक अहम हिस्सा है। पर क्या आप जानते यह एक आयुर्वेदिक औषधि भी है। हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं। यदि आप बवासीर से पीड़ित हैं तो हल्दी आपके लिए रामबाण साबित हो सकती है। इसके लिए एक चम्मच देसी घी में आधा चम्मच हल्दी मिला लें, इस मिश्रण को बवासीर के मस्सों पर मरहम की तरह उपयोग करने से लाभ प्राप्त होता है।
बवासीर के इलाज के लिए केला
केले में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कब्ज और बवासीर के लिए उपयोगी साबित होते हैं। इसके लिए एक पक्के के केले को बीच से काट लें और उसपर कत्था छिड़क लें,अब इसे रात भर खुले आसमान के नीचे छोड़ दें। अगली सुबह इस केले को खाली पेट खाएं। इसे खाने से आपको 5-7दिन राहत मिलेगी।
बवासीर के इलाज के लिए छाछ
बाहरी बवासीर के मस्सों के लिए छाछ का सेवन विशेष लाभकारी माना जाता है। इसके लिए दो लीटर छाछ में 50 ग्राम पिसा हुआ जीरा व नमक मिला कर रख दें और जब भी प्यास लगे तो पानी की जगह इसे पी लें। एक हफ्ते तक इसका सेवन मस्सों को ठीक करने में सहायक होता है।
बवासीर के इलाज के लिए त्रिफला चूर्ण
आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण को रामबाण औषधि माना गया है।यह कई रोगों को ठीक करने की क्षमता रखता है।इसका इस्तमाल सदियों से आयुर्वेद में किया जा रहा है।इसके लिए आप रात में सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।इससे बहुत जल्द बवासीर के दर्द व मस्सों में राहत मिलेगी। इन सभी प्रयोगों से बवासीर को जड़ से खत्म किया जा सकता हैं। बिना ऑपरेशन के भी बवासीर से राहत पाई जा सकती है।