ऑफिस में वर्क डेस्‍क पर ही आसानी से कर सकते हैं योग

15 जुलाई। अगर आपकी 8 घंटे की डेस्क जॉब आपको बीमार कर रही है तो खुद को दोष देने की बजाए योग अपनाएं। हम आपको बता रहे हैं योग जिसे आप अपनी डेस्क पर बैठे-बैठे ऑफिस के लोगों की नजर में आए बिना ही बड़ी आसानी से कर सकते हैं।

सर्वप्रथम आप चेयर्स पर सही मुद्रा में बैठना सीखें। आरामपूर्ण व सहज बैठने या खड़े रहने का सबसे अनिवार्य रूप से अभ्यास किया जाना चाहिए। अकसर हम सही मुद्रा में खड़े या बैठे नहीं रहने के कारण समस्याओं से घिर जाते हैं। इस कारण रीढ़ की हड्डी़, कंधे, गर्दन और आंखों में शिकायत का शिकार हो जाते हैं।
अंग संचालन : इसे सूक्ष्म व्यायाम भी कहते हैं। अंग सचालन खड़े रहकर, बैठक और लेटक किए जाते हैं। इसके लिए आपके अपने हाथों की कलाइयों को, एड़ियों को, कमर को, आंखों की पुतलियों को, गर्दन को और कंधों को क्लाकवाइज एवं एंटी-क्लाकवाइज 4 से 5 बार घुमाते हैं।
यह एक्सरसाइज पूरे हाथ-पैर, सर्वाइकल स्पोंडोलाइटिस, फ्रोजन सोल्डर, जोड़ों का दर्द, साइटिका, नेत्र रोग, तनाव, सिरदर्द, गर्दन का दर्द, कमर दर्द, पीठ दर्द, पेट के रोग, कमजोर बोन, कमजोरी, रक्त अशुद्धता, आलस्य, कब्ज आदि रोगों में लाभदायक है।
अंगड़ाई लेना : कानों को मरोड़ें, पूरा मुंह खोलकर बंद करें। अंगड़ाई आए तो उसको अच्छे से मजा लेते हुए करें।
बिल्ली या कुत्ते की तरह अंगड़ाई लेना भी एक प्रकार का योग है जिससे मांसपेशियों में खिंचाव होता है और वे फिर से तरोताजा हो जाती है।
हाथ पैरों की एक्सरसाइज : दाएं से बायां और बाएं हाथ से दायां कंधा पकड़कर उसे दबाएं। फिर दोनों हाथों से एक दूसरे हाथ की कलाई पकड़कर ऊपर उठाते हुए सिर के पीछे ले जाएं। श्वास अन्दर भरते हुए दाएं हाथ से बाएं हाथ को दाहिनी ओर सिर के पीछे से खीचें। गर्दन व सिर स्थिर रहे। फिर श्वास छोड़ते हुए हाथों को ऊपर ले जाएं। इसी प्रकार दूसरी ओर से इस क्रिया को करें।
पांच मिनट का ध्यान करें : समय हो तो मात्र 3 मिनट का ध्यान करें। इसे आप खुद को तरोताजा महसूस करेंगे। मानसिक द्वंद्व, चिंता, दुख: या दिमागी बहस शांत हो जाएगी और तनाव दूर होगा। तनावग्रस्त्र या ज्यादा सोचग्रस्त्र रहें तो ध्यान करते वक्त पेट और फेफड़ों की हवा पूरी तरह से बाहर निकाल दें और नए सिरे से ताजी हवा भरें। ऐसा पांच से छह बार करें।
हास्य योग : हंसने का मौका कभी नहीं चूकना चाहिए। हास्य योग से आपका दिल, दिमाग और रक्त तो स्वस्थ और शुद्ध रहता ही है इससे पेट सहित संपूर्ण शरीर में खिंचाव होने से भीतर के अंग स्वस्थ होने लगते हैं। व्यक्ति बगैर किसी एक्सरसाइज़ के युवा बना रह सकता है। तो प्रतिदिन सुबह, दोपहर, शाम और रात को सोने से पहले एक बार अकेले में और फिर सामूहिक रूप से खिलखिलाकर जोर से हँसे जरूर। यह मत सोचे की कोई क्या सोचेगा। सबसे बड़ा रोग, क्या कहेंगे लोग। हंसी तो संक्रामक रोग है इस रोग को जितना हो सके फैलाएं। ज्यादा से ज्यादा चुककुलों को अपने जीवन में सुने और सुनाए। बस।
नमस्कार मुद्रा और ताली : आप नमस्कार की मुद्रा में दोनों हाथों की हथेलियों को हल्का से प्रेशर दें अर्थात एक दूसरे को दबाएं। इससे आपके कंधे और गर्दन की नसें खुलेंगी और उनमें रक्त संचार अच्छे से होगा। दूसरा आप हथेलियों को बजाने के की बजाएं ठोंके इससे भी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।

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