बिहार में 31 जुलाई तक फिर से लॉकडाउन, जाने क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद

बिहार में 16 जुलाई से 31 जुलाई तक पूर्ण लॉकडाउन दिया गया है। मंगलवार को मुख्य सचिव की बैठक में आयोजित बैठक में इस पर सहमति बनी हुई है। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ये जानकारी दी है।

वहीं पीआरडी के सचिव अनुपम कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य मुख्यालय, जिला मुख्यालय, राहुल मुख्यालय, प्रखंड मुख्यालय और सूबे के सभी नगर निकायों में 16 से 31 जुलाई तक लॉकडाउन रहेगा। इस दौरान रेलवे और विमान सेवा जारी रहेंगी। बसों का परिचालन बंद रहेगा। ऑटो, टैक्सी और रिक्शा का परिचालन बंद नहीं रहेगा। गृह विभाग इस संबंध में शीघ्र ही अधिसूचना जारी करेगा।
 
 
इस बीच बिहार गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर अमानी भी कोरोनाटे पाए गए हैं। पिछले दो दिनों से राज्य में रोज़ एक हजार से अधिक कोरोनाटे राज्य में मिले हैं। हालांकि बिहार में कोरोनाटेन्स के ठीक होने का दर अभी 71 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी अच्छा है। वहीं, 12,364 कोरोना के मरीज ठीक होने के साथ घर भी चले गए।
बिहार भाजपा कार्यालय में भी कोरोना ने डॉक, 24 प्रकार सेराजधानी पटना के बिहार भाजपा कार्यालय के 24 लोग कोरोनाटे पाए गए हैं। मंगलवार को बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुल 110 लोगों का सैम्पल लिया गया था जिसमें 24 की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
पीएमसीएच के कोरोनार्ट डॉ की मौत, पटना एम्स में चल रही थी इलाजराजधानी पटना से एक बड़ी खबर आ रही है, जहां पीएमसीएच के डॉ की कोरोना से इलाज के दौरान पटना एम्स में मौत हो गई है। पीमसीएच के ईडी विभाग में पद पाने वाले डॉ एन के सिंह कुछ दिन पहले कोरोना से संवाद पाए गए थे। जिसके बाद उन्हें आइसोलेट कर दिया गया था। एन के सिंह की हालत बिगड़ने के बाद डॉक्टरों ने पटना एम्स रेफर कर दिया और वहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। 
बता दें कि सोमवार को बिहार सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार कोरोना गुणों से प्रभावित हैं। वह दो दिन पहले जमालपुर विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर लौटे थे। दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य के सभी 38 जिलों में सोमवार को 1116 नए कोरोना मरीजो की पहचान की गई। इसके साथ ही, राज्य में कोरोना संभावितों  संख्या 17,421 हो गई। वहीं, राज्य में एक डॉ की भी संक्रमण से मौत हो गई। राज्य में कोरोना संक्रमण से किसी डाक्टर की मौत का यह पहला मामला है। एम्स, पटना के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 54 वर्षीय डॉ। अश्वनी नंदकुलियार की मौत हो गयी। वे गए जेनरल फिजिशियन थे और निजी क्लीनिक चलाते थे। इसके साथ ही 9 प्रकार के रोगियों की मृत्यु हो गई

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