रामगढ़। स्थानीय राममनोहर लोहिया रेफरल अस्पताल में चिकित्सक के बाद अब डाटा ऑपरेटर भी कोरोना पॉजिटिव हो गया। इससे अस्पताल में इलाज कराने वालों में हड़कंप मचा है। खास बात यह है कि अस्पताल में कोरोना की दोबारा इंट्री हो गई है। फिर भी किसी स्वास्थ्य कर्मी की कोरोना जांच नहीं कराई गई है। प्रशासन की जांच न कराने के पीछे का राज लोगों को समझ में नहीं आ रहा। यह अलग बात है कि कोरोना संक्रमण के खतरे से बचने के लिए मार्केट में 60 दुकानदारों का सैंपल जांच के लिए चिकित्सकों ने लिया। बताया गया कि जिन दुकानदारों के यहां ज्यादा ग्राहक आते हैं, उन्हें चिह्नित कर सैंपल लिया गया। हालांकि अस्पताल के लिए प्रावधान अलग कैसे हो गया, लोग इसपर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि चिकित्सक के पॉजिटिव पाए जाने के बाद वैसे भी अस्पताल में इलाज व जांच के लिए जाने वाले मरीजों की संख्या घट गई है। अब ऑपरेटर के पॉजिटिव मिलने के बाद लोग अस्पताल परिसर में कदम रखना भी मुनासिब नहीं समझेंगे। आखिर प्रशासन स्वास्थ्य कर्मियों की जांच से परहेज क्यों बरत रहा। बहरहाल कैमूर में कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच सजगता व सतर्कता का रामगढ़ में बिल्कुल पालन नहीं हो रहा। जिले में कोरोना तीसरे शतक के करीब है, लेकिन रामगढ़ में शिथिल सिस्टम के बीच आमजन लापरवाही बरतने का हर रिकॉर्ड तोड़ते जा रहे हैं।
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Posted By: Jagran
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