बक्सर : कोरोना महामारी के बीच जनसंख्या नियोजन किसी चुनौती से कम नहीं है। जरूरत है समुदाय में गर्भ निरोधक साधनों के इस्तेमाल से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने की। शुक्रवार को ये बातें सिविल सर्जन डॉ.जितेन्द्र नाथ ने कही। उन्होंने बताया कि कोविड 19 महामारी के बीच प्रजनन व मातृ स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए उद्देश्य से जिले में 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवारा का आयोजन किया गया है। इस दौरान चिन्हित किए गए लाभार्थियों को परिवार नियोजन की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
सिविल सर्जन ने बताया कि प्रजनन एवं मातृ स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले वजहों की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए इस बार जनसंख्या स्थिरता पखवारा का थीम “आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी'' निर्धारित की गई है। सीएस ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से समय-समय पर गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल के फायदों को जनमानस तक पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है। यही नहीं, विभाग के चिकित्सक और कर्मचारी अपने स्तर से समुदाय में जागरूकता फैलाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
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35 प्रतिशत विवाहित महिलाएं करती हैं गर्भनिरोधक का इस्तेमाल
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 4 के मुताबिक जिले में 15 से 49 वर्ष की विवाहित 35 प्रतिशत महिलाएं ही गर्भनिरोधक साधनों का इस्तेमाल करती हैं. जबकि, गर्भनिरोधक के आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल भी 33.3 प्रतिशत ही है. बताया जाता है कि जिला में महिला बंध्याकरण का प्रतिशत 29.8 है. जबकि पुरुष नसबंदी का प्रतिशत 0 है. हालांकि, पुरुष बंध्याकरण को स्वास्थ्य विभाग योजनाओं के माध्यम से बढ़ावा दे रहा है. आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में कॉपर टी का इस्तेमाल करने वाली महिलाएं 0.5 प्रतिशत हैं. वहीं, गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल 0.8 प्रतिशत से भी कम महिलाएं ही करती हैं.
बास्केट ऑ़फ च्वाइस की ले सकते हैं मदद
आपदा काल में भी परिवार नियोजन की चाहत रखने वाले लोग सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। मिशन परिवार विकास के तहत परिवार नियोजन की तमाम सुविधाएं मौजूद होती हैं। गर्भनिरोधकों के बॉस्केट ऑ़फ च्वाइस की मदद से स्वास्थ्यकर्मी लाभार्थियों को परामर्श देते हैं। इस बॉस्केट ऑ़फ च्वाइस में इच्छुक दंपति कंडोम, छाया व माला एन गर्भनिरोधक गोली, कॉपर टी, अंतरा इंजेक्शन आदि की जानकारी लेकर उसे अपना सकते हैं। साथ ही, बताया जाता है कि स्वास्थ्य केंद्रों पर पुरुषों व महिलाओं के लिए नसबंदी व बंध्याकरण की सेवा निश्शुल्क मुहैया करायी जाती है।
Posted By: Jagran
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