बक्सर : नगर परिषद का खेल निराला है। पहले वित्तीय अनियमितता होती है और जब मामला जांच में या मीडिया द्वारा उजागर होता है तो राशि की रिकवरी करा मामला बंद कर दिया जाता है और कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होती है। मतलब साफ है, झटके में राशि पच गई तो ठीक, मामला तूल पकड़ा तो उसे लौटाकर फाइल बंद। यही बक्सर नगर परिषद में होल्डिग टैक्स घोटाले में हुआ। होल्डिग टैक्स पचाने वाले कर्मचारी से सात लाख रुपये रिकवरी करा कानूनी कार्रवाई से बरी कर दिया गया।
बहरहाल, डुमरांव के वार्ड संख्या 19 में हुए सड़क निर्माण में अनियमितता परत-दर-परत खुल रही है। पहले जहां मंगरु यादव के घर से हरियाणा फॉर्म तक निर्माण कराए जाने के नाम पर एमबी बुक की गई थी मामला उजागर होने के बाद आनन-फानन में मामले से जुड़े कागजातों में मंगरु यादव का नाम काटकर शंभू चौधरी के घर से मेन रोड तक करते हुए लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष कागजात प्रस्तुत किया गया। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि दोनों योजनाओं के प्राक्कलन में समानता थी। हालांकि, दोनों सड़कों का अलग-अलग क्षेत्रफल से पूरा मामला खुल गया। दैनिक जागरण में ़खबर प्रकाशित होने के बाद नगर परिषद द्वारा एक नया तथ्य यह प्रस्तुत किया कि मामले में कनीय अभियंता के द्वारा 3 लाख 53 ह•ार 500 रुपये की राशि कनीय अभियंता से रिकवरी कराई गई है। मामले में एफआइआर क्यों नहीं दर्ज हुई, इस सवाल के जवाब में कार्यपालक पदाधिकारी का कहना था कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए मामले में एफआइआर नहीं दर्ज की गयी. इधर, पूरे मामले को उजागर करने वाले पूर्व वार्ड पार्षद सुनील कुमार तिवारी ने गुरुवार को जिलाधिकारी अमन समीर को आवेदन देकर इस मामले में कार्रवाई करने और भष्ट्राचार तंत्र पर नकेल कसने की मांग की है। कहते हैं अधिकारी: मामले में कनीय अभियंता विजेंद्र झा से राशि की रिकवरी करा दी गयी है। ऐसे में मामले में अब मामले कोई अनियमितता की बात नहीं है। सुजीत कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, डुमरांव।
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Posted By: Jagran
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