मजबूत कंधों और कलाई के लिए रोज 5 बार करें 'पश्चिम नमस्कार आसन'

हिंदूओं में हाथ जोड़ने और नमस्‍कार करने की कई धार्मिक विशेषताएं हैं, साथ ही इसे सेहत से जोड़कर भी देखा जाता है। खासतौर पर योगा लवर्स के बीच सूर्य नमस्‍कार का विशेष महत्‍व है। सूर्य नमस्‍कार कई तरह के योगासनों से मिलकर बना एक योगासन है। इसी तरह योगा में पश्चिम नमस्कार आसन के भी बहुत लाभ बताए गए हैं। इसे अंग्रेजी में रिवर्स प्रेयर पोज भी कहा जाता है। जिस तरह सूर्य नमस्‍कार में दोनों हाथों को जोड़ कर आगे की ओर नमस्‍कार किया जाता है, वहीं पश्चिम नमस्कार आसन में पीठ की ओर हाथों को जोड़ कर नमस्‍कार किया जाता है।

यह योगासन कई तरह से सेहत को फायदे पहुंचाता है। तो चलिए आज हम आपको पश्चिम नमस्कार आसन के बारे में बताते हैं।

पश्चिम नमस्कार आसन के फायदे
स्‍टेप बाय स्‍टेप पश्चिम नमस्कार आसन करना सीखें
सावधानियां
अगर आपको भी अपने कंधों और कलाई को मजबूत करना है तो आपको भी रोज कम से कम 5 बार पश्चिम नमस्कार आसन करना चाहिए। फिटनेस और योगा से जुड़ी और भी रोचक जानकारी के लिए पढ़ती रहें Herzindagi।
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