नई दिल्ली : कोरोना वायरस के बारे में शुरुआत से यही बात कही जा रही थी कि यह किसी संक्रमित व्यक्ति के बोलने, खांसने या छींकने के दौरान निकलने वाले ड्रॉपलेट्स से फैलता है। लेकिन पिछले दिनों दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने हवा में भी इसका संक्रमण फैलने की बात कही और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अब कह दिया कि कोरोना संक्रमण हवा में भी फैल सकता है। इस स्थिति में कोरोना वायरस से निपटना एक बड़ी चुनौती बन गई है। इस बीच वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एयर फिल्टर बनाने का दावा किया है जो हवा में कोरोना वायरस को पकड़ कर तत्काल खत्म कर देता है।
वैज्ञानिकों के इस अविष्कार से बंद स्थानों मसलन स्कूलों, अस्पतालों के अलावा विमानों में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिल सकती है। जर्नल 'मैटरियल्स टूडे फिजिक्स' में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक इस 'एयर फिल्टर' ने अपने से गुजरने वाली हवा में एक बार में 99.8 फीसदी नोवल कोरोना वायरस को समाप्त कर दिया। इस अध्ययन में कहा गया कि इस उपकरण को व्यावसायिक रूप से उपलब्ध निकेल फोम को 200 डिग्री सेल्सियस तक गर्म कर बनाया गया।
इसने घातक जीवाणु बैसिलस एन्थ्रेसिस के 99.9 प्रतिशत बीजाणु को नष्ट कर दिया। बैसिलस एन्थ्रेसिस से एन्थ्रेक्स बीमारी होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार चूंकि यह वायरस हवा में लगभग तीन घंटे तक रह सकता है तो एक ऐसा फिल्टर बनाने की योजना थी, जो इसे जल्द समाप्त कर दे। दुनियाभर में दोबारा कामकाज शुरू होने के कारण वैज्ञानिकों का मानना है कि बंद स्थानों में कोरोना वायरस को नियंत्रित करना जरूरी है। झिफेंग रेन ने कहा है कि निकेल फोम कई अहम जरूरतों को पूरा करता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह एयर फिल्टर छिद्रयुक्त है, जिससे हवा का प्रवाह होता रहता है और विद्युत सुचालक भी है, जिसने इसे गर्म होने दिया। यह एयर फिल्टर लचीला भी है।
शोधकर्ताओं ने चरणबद्ध तरीके से इस उपकरण को उपलब्ध कराने की बात कही है। जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर यह एयर फिल्टर हवाई अड्डों पर भी समान रूप से प्रभावी साबित होगा। यानी आप इस फिल्टर को किसी भी ऐसे एरिया में उपयोग कर सकते हैं, जो चारों तरफ से बंद हो। ऐसे में यदि किसी संक्रमित व्यक्ति का इस एरिया में प्रवेश भी होता है तो उसके द्वारा दूसरे लोगों में इस संक्रमण के फैलने की संभावना बहुत ही कम हो जाएगी।