अगर किसी बेटी की शादी के बाद उसके मायके के हालात बिगड़ने लगे तो सावन में पहली बार बेटी के घर आने पर इसके हाथों से कुछ उपाय जरूर करवां लेना चाहिए। कहते हैं पिता या भाई, बेटी के हाथों से अपने घर के आंगन में एक तुलसी का एक पौधा जरूर लगवाएं और जब तक बेटी मायके में रहती है तब तक रोज़ शाम को तुलसी के नीचे उससे दीपक ज़रूर जलवाएं।
ऐसी मान्यता है कि इससे घर में सदैव सुख-शांति और समृद्धि बनी रहेगी। इसी के साथ सावन के किसी भी मंगलवार को बेटी के हाथों से गुड़ लेकर उसे मिट्टी के बर्तन में रखकर घर के आंगन या कहीं एकांत में मिट्टी में दबा दें। कहते हैं ऐसा करने से जल्द ही मकान और संपत्ति से जुड़ी इच्छाएं पूरी होती है।
वहीं ऐसा भी कहा जाता है कि सावन के बुधवार को बेटी के हाथ से एक सुपारी लेकर उसमें रक्षा सूत्र (कलावा) बांध लें और उसे पीले कपड़े में लपेटकर घर के किसी कोने में या मंदिर में लटका दें और इस उपाय के पीछे मान्यता है अगर इससे कर्ज़ से हमेशा के लिए मुक्ति मिलती है और आजीवन धन के भंडार भरे रहते हैं। वहीं अगर आपके घर सावन के सोमवार की सुबह नवविवाहित बेटी आती है तो उसे संपूर्ण श्रृंगार करवाने के बाद एक आसन पर बैठा दें और फिर माता पिता भी उसके सामने एक गुलाबी कपड़े में थोड़ा सा अक्षत (चावल) और एक चांदी का सिक्का लेकर बैठ जाएं।
अब इसके बाद गुलाबी कपड़े में उस अक्षत और सिक्के को बेटी के हाथों से बंधवाकर धन रखने के स्थान पर रखें और अंत में माता पिता बेटी के चरण स्पर्श करके उसे देवी लक्ष्मी का रूप मानते हुए सभी समस्याओं के निवारण की कामना करें।