एम्स पटना में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल मंगलवार से प्रारम्भ होगा. इसके लिए सभी महत्वपूर्ण तैयारी पूरी कर ली गई है. हालांकि इसके लिए कितने मरीज व किस प्रकार के मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया है, वैसे एम्स प्रशासन इसका खुलासा नहीं कर रहा है.
आईसीएमआर ने पटना एम्स समेत देशभर के 13 विशिष्ट अस्पतालों और चिकित्सकों का कोरोना वैक्सीन ट्रायल के लिए चयन किया है. इसमें सभी चयनित संस्थानों को सात जुलाई तक महत्वपूर्ण प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिये गए थे.
हैदराबाद की हिंदुस्तान बायोटेक व आईसीएमआर ने संयुक्त रूप से हिंदुस्तान में कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन का निर्माण किया है. वैक्सीन कोरोना पीड़ितों पर कितना प्रभाव कर रहा है, इसका क्लीनिकल ट्रायल किया जाना है. इसके लिए देशभर में कोरोना संक्रमितों के उपचार से जुड़े अस्पतालों व चिकित्सकों का चयन वैक्सीन के ट्रायल के लिए किया गया है.
इसी क्रम में मंगलवार से एम्स में ट्रायल की प्रक्रिया प्रारम्भ होगी. एम्स पटना के निदेशक डाक्टर पीके सिंह ने बोला कि वैक्सीन ट्रायल मंगलवार से प्रारम्भ होगी. इसके लिए अधीक्षक संग मीटिंग कर महत्वपूर्ण तैयारी की गई है. हालांकि उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि कितने व किस प्रकार के मरीजों का चयन ट्रायल के लिए किया गया है.
आईसीएमआर ने विकसित किया है वायरस के स्ट्रेन को इस वैक्सीन के लिए वायरस के स्टेन को स्वदेशी तकनीक से विकसित करने में आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) को सफलता मिली. यह वायरस शरीर के अंदर कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित करेगा. इस क्षमता को विकसित करने वाला आईसीएमआर दुनिया के चुनिंदा पांच संस्थानों में से एक है.
आईसीएमआर ने हिंदुस्तान बायोटेक के योगदान से कोरोना की वैक्सीन बनायी है. शासन की तरफ से वैक्सीन के ट्रॉयल की मंजूरी मिल गई है. इसके बाद हिंदुस्तान बायोटेक ने ट्रॉयल के लिए डॉक्टरों की टीम का चयन कर लिया है. इसमें दिल्ली, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक , तमिलनाडु, बिहार, तेलंगाना, ओडिसा, गोवा के अतिरिक्त सूबे में कानपुर और गोरखपुर के चिकित्सक शामिल है.