यहां जानें डिप्रेशन से कैसे बचा जाए

प्रतिस्पर्धा, आपाधापी व भागदौड़ भरी जिंदगी ने कुछ समस्याएं पैदा की हैं इनमें से एक है डिप्रेशन. इससे पीड़ित लोगों में युवाओं की संख्या ज्यादा है. जानें डिप्रेशन से कैसे बचा जाए-

बनता दूसरे रोगों का कारण - डिप्रेशन रोगी में गंभीर रोगों जैसे दिल रोग, बे्रन स्ट्रोक, हायपरटेंशन व डायबिटीज होने का खतरा अधिक रहता है. इसके अतिरिक्त यह व्यक्तिके सामाजिक व पारिवारिक सम्बंधों पर भी प्रभाव डालता है.
डिप्रेशन के प्रकार - सीजनल अफैक्टिव डिस्ऑर्डर पोस्ट पार्टम डिप्रेशन पोस्ट स्ट्रोक डिप्रेशन साइकोटिक डिप्रेशन बाइपोलर डिप्रेशन डिस्थायमिया
ये हैं कारण- ये दिमाग में रसायनिक बदलाव के कारण होता है. इसमें सिरोटोनिन, डोपामिन आदि रसायनों की मात्रा मस्तिष्क में घटने लगती है. कुछ मामलों में यह आनुवांशिक भी होता है. इसके कारण हैं जैसे इम्तिहान में फेल होना, पारिवारिक कलह, रिलेशनशिप का टूटना, करीबी की मृत्यु, आर्थिक तंगी, गंभीर हादसा, बच्चे के जन्म के बाद, लंबे समय तक रोग, कुछ दवाएं जैसे स्टीरॉयड हैं.
ऐसे पहचानें- लगातार उदास रहना, स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना और उग्र होना, कार्य में रुचि न लेना, कोई भी कार्य करने पर खुश न होना, अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस होना, एकाग्रता व याद्दाश्त निर्बल होना, भूख कम या अधिक लगना, नींद कम या अधिक आना, बार-बार आत्महत्या का विचार सोचना, निरंतर निगेटिव विचारों का आना व कुछ शारीरिक लक्षण जैसे दर्द, सांस उखडऩा, डायजेशन में प्रॉब्लम होना आदि.
इलाज- इसे दवाइयों, काउंसलिंग व थैरेपी (कॉग्निटिव बिहेवियर) से उपचार किया जाता है. इसके अतिरिक्त कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे नियमित अभ्यास करें, पूरी नींद लें, कैफीनयुक्त चीजें कम लें, शराब-धूम्रपान व तंबाकू से परहेज करें. रचनात्मक काम जैसे पेंटिंग आदि करें.

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