कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सेनेटाइजर बनाने वाली कंपनियां ड्रग एक्ट के स्टैंडर्ड मानकों का पूर्ण रूप से पालन करती नजर नहीं आ रही हैं.
ऊधमसिंह नगर जिले से बीतों दिनों विभिन्न कंपनियों के सेनेटाइजर प्रोडेक्ट के नौ नमूने जाँच के लिए भेजे गए थे. इसमें से आठ के सैंपल विभिन्न मानकों पर फेल रहे हैं. इसमें से छह कंपनियों के सेनेटाइजर प्रोडेक्ट लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं. जबकि दो कंपनियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है. एक सैंपल की जाँच रिपोर्ट अभी आनी शेष है. देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच सेनेटाइजर की डिमांड बढ़ी है. ऐसे में कई कंपनियों ने सेनेटाइजर बनाने के लिए लाइसेंस लिए हैं. कुछ के पास पूर्व से ही लाइसेंस हैं. बीतों दिनों सेनेटाइजर की जाँच के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान चलाया गया था. इस दौरान जिले से नौ सैंपल लिए गए थे. इसकी रिपोर्ट चौंकाने वाली आई.
आठ सैंपल जाँच में फेल हो गए. इसके बाद ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी कुमाऊं मंडल स्तर से छह कंपनियों के सेनेटाइजर प्रोडेक्ट लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए. इन्हें 20 दिन से लेकर एक महीने तक के लिए निलंबित किया गया है. ड्रग एक्ट के तहत स्टैंडर्ड व लेवलिंग का पूरा पालन किए जाने के बाद लाइसेंस की बहाली होगी. वहीं दो कंपनियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है. जवाब आने के बाद संतोषजनक न पाए जाने पर इनके लाइसेंस सस्पेंड करने की भी आसार है.
कुमाऊं भर से करीब 25 सैंपल लिये, 60 प्रतिशत फेल- सूत्रों के मुताबिक, सेनेटाइजर के कुमाऊं भर से करीब 25 सैंपल लिए गए थे. इसमें से 60 प्रतिशत सैंपल फेल हुए हैं. इनकी जाँच प्रदेश खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला में करायी गई थी. यह भिन्न-भिन्न जिलों के हैं.
जिले में सेनेटाइजर के नौ सैंपल लिए गए थे. इसमें से आठ सैंपल फेल होने पर डीएलए के स्तर से छह कंपनियों के प्रोडेक्ट लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हैं. जबकि दो कंपनियों को नोटिस दिया गया है. एक सैंपल की जाँच लंबित है.