व्यायाम करने से सिर्फ मन व शरीर स्वास्थ्य वर्धक नहीं रहता, बल्कि यह आंखों की नजर गिरने से बचाता है. वर्जीनिया विश्वविद्यालय के मेडिसिन स्कूल में हुए शोध से पता लगा है
कि आंखों की लाइट छीन लेने वाले लाइलाज रोग भी इससे अच्छा हो सकते हैं. व्यायाम करने से मैक्युलर डीजेनरेशन, ग्लाइकोमा व मधुमेह संबंधी रेटीनोपैथी जैसे दृष्टिहीनता वाले रोगों का प्रभाव कम अथवा पूरी तरह खत्म किया जा सकता है.
शोधदल ने पाया कि व्यायाम करने से आंखों में रक्तवाहिकों की हानिकारक अत्यधिक वृद्धि को रोका जा सकता है, इन रक्तवाहिकाओं के गुच्छे के कारण मैक्युलर डीजेनरेशन व दूसरी आंखों से जुड़ी बीमारियां होती हैं. एक मादा चूहे पर किए शोध में वैज्ञानिकों ने इन रक्तवाहिकाओं की वृद्धि में 45 फीसदी तक की कमी पायी.
व्यायाम के आंखों पर प्रभाव को प्रयोगात्मक रूप से साबित करने वाला यह अपनी तरह का पहला शोध है. शोधकर्ता और यूवीए सेंटर फॉर एडवांस विजन साइंस के प्रमुख ब्राडली र्ग्लफंड का बोलना है कि व्यायाम के आंखों पर प्रभाव को लेकर अब तक हुए अधिकतर अध्ययन लोगों की वार्ता पर आधारित होते हैं. अक्सर लोग अपनी स्वास्थ्य के बारे में ठीक जानकारी देने से बचते हैं, जिससे अध्ययन के निष्कर्ष पर प्रभाव पड़ता है. इस कारण प्रयोगात्मक अध्ययन में पाए गए निष्कर्ष ज्यादा वास्तवित होते हैं.
लाइलाज माने जाने वाले रोग में अच्छा - आंखों से दिखना बंद हो जाने जैसे खतरनाक रोग मैक्युलर डीजेनरेशन (धब्बेदार अध: पतन) को अब तक लाइलाज माना जाता है जो साठ की आयु के बाद ज्यादातर लोगों में होता है. यह रेटीना से जुड़ा रोग है, जिसे पूरी तरह अच्छा नहीं किया जा सकता. नए शोध का दावा है कि ऐसे लाइलाज रोग का प्रभाव भी व्यायाम से कम होने कि सम्भावना है.
व्यायाम कम करने से नजर गिरती गई- शोधकर्ता ब्राडली कहते हैं कि हमने पाया कि आयु के साथ व्यायाम कम कर देने वाले लोगों में ज्यादा नजर गिरी. वे कहते हैं कि उम्रदराज होते लोगों को अपनी क्षमता के हिसाब से व्यायाम करने चाहिए, इसके लिए वे अपने चिकित्सक से सलाह ले सकते हैं.
उपचार विधि खोजने की तैयारी - शोध के दूसरे चरण में वैज्ञानिक यह जानने की प्रयास करेंगे कि आंख में रक्तवाहिकाओं के व्यायाम करने से घट जाने का क्या कारण है. साथ ही क्या इस समस्या को दूर करने के लिए कोई दवा या इलाज विधि विकसित की जा सकती है.
35 फीसदी भारतीय बुजुर्गों को नेत्र संबंधी रोग- जर्नल ऑफ फैमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयर के अनुसार, हिंदुस्तान के लगभग 35 फीसदी बुजुर्गों को दृष्टि से जुड़ी कोई न कोई समस्या है. वहीं, अमेरिका में मैक्युलर डीजेनरेशन और अन्य नेत्ररोगों से एक करोड़ आबादी पीड़ित है. ऐसे में महत्वपूर्ण है कि उम्रदराज होते लोग व्यायाम को दिनचर्या का भाग बनाएं.