अमरनाथ की पवित्र गुफा में यात्रा करने से पहले कराई गई पूजा, जानिए दर्शन करने के लिए ये जरुरी बात

समुद्र तल से करीब 13000 फीट पर स्थापित अमरनाथ की पवित्र गुफा में इस बार हिमलिंग मोटे आकार के बजाय 12 फीट के पतले आकार में स्थापित हैं।

सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इस बार उनके सिर पर सर्प का फन भी स्थापित हुआ है। बताया जा रहा है कि ऐसी छवि काफी लंबे अर्से बाद देखने को मिली है, जिसे बहुत ही शुभ माना जा रहा है।
जम्मू बेस कैंप में श्रद्धालुओं की कोरोना स्क्रीनिंग होगी। साधुओं को छोड़कर सभी तीर्थयात्रियों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। इस साल तीर्थयात्री केवल उत्तरी कश्मीर के बालटाल मार्ग से होकर जा पाएंगे। पहलगाम मार्ग से अनुमति नहीं दी जाएगी।
साधु-संतों के अलावा 55 साल से कम उम्र के श्रद्धालुओं को ही यात्रा की इजाजत दी गई है। बच्चे और बुजुर्ग इस बार बाबा बर्फानी के दर्शन नहीं कर सकेंगे।
जम्मू से रोजाना 500 श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए सड़क मार्ग से भेजे जाएंगे।अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुताबिक, पवित्र यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना निगेटिव का प्रमाणपत्र साथ रखना होगा।

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