वॉशिंगटन.विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि वह कोरोना संक्रमित मरीजों को एक साथ दी जाने वाली मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और एचआईवी दवा के परीक्षण को रोक रहा है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि दोनों दवाओं का असर कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्युदर को कम करने में विफल रहा है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि एक ही दिन में पहली बार दुनियाभर में दो लाख से अधिक कोराना के मरीजों की संख्या पहुंचने पर संगठन को झटका लगा है. संयुक्त राज्य अमेरिका में कुल 212,326 में से 53,213 नए मामले शुक्रवार को दर्ज किए गए. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि रोगियों के सही होने के मानकों को देखते हुए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और लोपिनवीर/ रटनवीर के अंतरिम परीक्षण के परिणामों से यह पता चलता है कि संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर में कमी की रफ्तार बेहद कम रही या कोई कमी ही नहीं हुई. यह स्थिति एकजुट होकर परीक्षण में जुटे जांचकर्ताओं को तत्काल प्रभाव से बाधित करेगी. यूएन एजेंसी ने कहा कि परीक्षण की अंतर्राष्ट्रीय संचालन समिति की सिफारिश पर यह निर्णय लिया गया है. एजेंसी से साफ किया कि यह निर्णय अन्य अध्ययनों को प्रभावित नहीं करेगा. न ही गैर-अस्पतालों में भर्ती मरीजों पर इस दवा के उपयोग को प्रभावित करेगा.