गर्मी में बील का शर्बत पेट को ठंडा रखकर रोगों से बचाता है. इसकी पत्तियां भी लाभकारी हैं.
बुखार से राहत : बील की पत्तियों का काढ़ा पीने से बुखार में राहत मिलती है. मधुमक्खी या ततैया के काटने पर जलन होने पर प्रभावित भाग पर बेलपत्र का रस लगा सकते हैं.
हृदय रोग : बेलपत्र का काढ़ा नियमित पीने से हार्ट अटैक का खतरा कम होता है, इसके काढ़े के सेवन से अस्थमा रोगियों को राहत मिलती है.
छालों से मुक्ति : शरीर में अधिक गर्मी बढऩे पर यदि मुंह में छाले हो जाएं तो बील की पत्तियों को मुंह में रखकर चबाएं. बील के पत्तों के रस से छाले धीरे-धीरे कम हो जाएंगे.
बवासीर : बील की जड़ का गूदा पीसकर बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर उसका चूर्ण बनाएं. इस चूर्ण को रोजाना सुबह-शाम ठंडे पानी के साथ लें. बवासीर का दर्द अधिक है तो दिन में तीन से चार बार ले सकते हैं.