नई दिल्लीः एक बार फिर से इस साल रविवार यानी की 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। गुरु पूर्णिमा के दिन यह ग्रहण लग रहा है। चंद्र ग्रहण 8.38 बजे शुरू होगा और 11.21 बजे समाप्त होगा। इसकी अवधि 2 घंटे 43 मिनट की होगी।
बता दें कि यह एक उपछाया ग्रहण है, जिसमें सूतक काल मान्य नहीं होता है। आमतौर पर किसी भी ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है, जिसमें कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। हिंदू धर्म के मुताबिक ग्रहण काल में कुछ चीजों को करने से मनाही होती है। ग्रहण के समय भोजन करने व बनाने दोनों का त्याग करना चाहिए। ग्रहण के बाद स्नान करना चाहिए। ग्रहण को खुली आंखों से देखने से परहेज करना चाहिए।
चंद्र ग्रहण के बाद बासी खाना या रात का बचा हुआ भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा भोजन पशुओं को डाल दें। यदि घर में दूध से बनी चीजें रखी हैं तो उन्हें फेंकने की बजाए उनमें तुलसी के पत्ते डाल दें। ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया आदि से विशेष रूप से बचना चाहिए। ग्रहण की छाया का कुप्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ने का डर रहता है। इसके साथ ही बुजुर्ग और पीड़ित व्यक्ति को भी बाहर जाने से परहेज करना चाहिए।
ग्रहण के समय देव पूजा को भी निषिद्ध बताया गया है। यही कारण है कि कई मंदिरों के कपाट इस दौरान बंद कर दिए जाते हैं। ग्रहण के 12 घंटे से पूर्व ही सूतक लगने के कारण मंदिरों के पट भी बंद कर दिए जाते हैं। ग्रहण के समय बाल व नाखून कभी नहीं कटवाना चाहिए। इस समय कोई सिलाई का काम भी नहीं करना चाहिए। ये अशुभ माना जाता है। इस दौरान नुकीली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस दौरान कोई नया व शुभ काम करने से बचें।