Lunar Eclipse in India July 2020: इस साल यानी 2020 के पहले सूर्य ग्रहण के बाद 5 जुलाई को लगने वाला यह चंद्रग्रहण पहला और इस साल का तीसरा चंद्रग्रहण है. यह उपछाया चंद्रग्रहण इस बार आषाढ़ की पूर्णिमा को लग रहा है. संयोग से इस दिन गुरु पूर्णिमा भी है. साल 2017 के बाद पहली बार ऐसा अवसर आया है कि चंद्रग्रहण गुरुपूर्णिमा को लग रहा है. उपछाया चंद्रग्रहण होने के कारण इस बार चंद्रमा के आकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा अर्थात चंद्रमा सामान्य दिनों की भांति दिखाई देगा.भारत के किन प्रमुख शहरों में दिखेगा यह चंद्रग्रहण यह चंद्रग्रहण भारत के समयानुसार सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा और सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर खत्म हो जाएगा. 9 बजकर 59 मिनट पर यह अपने चरम पर होगा मतलब इस समय यह सबसे अधिक प्रभाव में होगा. इसकी अवधि करीब दो घंटे 43 मिनट और 24 सेकेंड की है. यह चंद्रग्रहण मुख्य रूप से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, पैसिफिक और अंटार्टिका में दिखाई देगा. 5 जुलाई को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में कहीं पर भी नहीं दिखी देगा. हालांकि इसके पहले जनवरी और 5 जून को लगने वाले चंद्रग्रहण भारत में दिखाई पड़े थे. वैसे भी यह चंद्रग्रहण सूर्योदय के बाद लगेगा. इस कारण से भी यह भारत में नहीं दिखाई देगा. भारतवासी इस ग्रहण को भारत में नहीं देख सकेंगें. सूतक काल का महत्त्व ज्योतिषाचार्य के अनुसार चंद्रग्रहण में सूतक काल ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले से लगता है. लेकिन उपछाया चंद्र ग्रहण में सूतक कल नहीं लगता. जिस जगह देश या शहर में चंद्रग्रहण दिखाई न दे तो उस देश या शहर में भी सूतक काल नहीं लगता है. चूंकि यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई भी नहीं पड़ेगा और यह उपछाया चंद्रग्रहण भी है. इसलिए इस ग्रहण में सूतक काल नहीं लगेगा. लोग गुरु पूर्णिमा की पूजा अर्चना कर सकेंगें. ज्योतिषाचार्य के अनुसार 5 जुलाई को पड़ने वाली गुरु पूर्णिमा की पूजा करने में कोई अशुभ नहीं होगा.