कोरोना की महामारी ने अब तक संसार भर में जाने ले चुका है। शरीर को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ कोरोना अब लोगों के दिमाग पर प्रभाव कर रहा है। एक सर्वे में सामने आया है कि कोरोना के मरीजों में स्ट्रोक, साइकोसिस व डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियां पैदा हो रही हैं।
लैंसेट साइकेट्री में छपी इस स्टडी में 125 कोरोना मरीजों पर सर्वे किया गया। ये सभी वो मरीज हैं जिनमें किसी न किसी तरह की न्यूरोसाईक्रियाट्रिक कठिनाई पाई गई थी। स्टडी के मुताबिक इनमें से 57 मरीजों को ब्रेन स्ट्रोक, 39 मरीजों को इंसेफेलाइटिस यानी भ्रम व गतिशीलता में परेशानी, 10 मरीजों को साइकोसिस यानी एक तरह का पागलपन व 6 मरीजों में डिमेंशिया यानी दिमाग पर नियंत्रण न रहने की समस्या देखी गई।
रिसर्च में ये भी सामने आया कि स्ट्रोक ज्यादातर बुजुर्ग मरीजों में पाया गया वहीं मानसिक भ्रांति के लक्षण 69 वर्ष से कम आयु के मरीजों में ज्यादा दिखे।
पालमोनोलॉजी विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डाक्टर आशीष जैसवाल ने बोला कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों में 12% मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें मानसिक रूप से किसी न किसी कठिनाई का सामना करना पड़ता है व अब इस तरह की रिसर्च बता रही हैं कि कैसे ब्लड क्लॉटिंग भी एक बड़ा कारण बनता जा रहा है कोरोना के मरीजों में मानसिक बीमारियों का।