कटहल खाने के शौकीन लोगो को अब स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य वर्धक बने रहने के लिए भी कटहल खाने का बहाना मिल गया है. खासकर उन लोगों को जो मधुमेह रोगी है व दवा खाने के बाद भी अपनी डायबिटीज कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं.
हाल ही में अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन में शनिवार को शिकागो में एक वीडियो लिंक के माध्यम से एक अध्ययन की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. जिसमें बताया गया कि कटहल का पाउडर प्लाज्मा में ग्लूकोज के स्तर को नीचे ले आता है.
दरअसल, टाइप 2 डायबिटिज से ग्रस्त 40 लोगों पर एक शोध किया गया. इस शोध में 24 पुरुष व 16 महिलाएं शामिल थीं. उनकी औसत आयु 40 से 90 साल थी. अध्ययन के दौरान, प्रतिभागियों को हरे कटहल के आटे का सेवन करने के लिए बोला गया. बेसलाइन पर उनका स्तऑर HbA1c 7.23 ± 0.47 प्रतिशत था. 12-सप्ताह के अध्ययन के अंत में उनका एचबीए 1 सी 6.98 ± 0.48 फीसदी था. जोसेफ ने बताया कि “उपवास व पोस्टपैंडियल प्लाज्मा ग्लूकोज लेवल में भी समान सुधार देखा गया.”
डोसा, इडली व ब्रेड में भी मिला सकते हैं ये आटा- अध्ययन में पाया गया कि जब इस आटे को लोकल भोजन में मिलाकर प्रयोग किया गया तो परिणाम कमाल के थे. इस शोध में रोजाना 30 ग्राम कटहल का आटा मधुमेह रोगियों के भोजन में शामिल किया गया. जिसकी वजह से रक्त शर्करा के स्तर में जरूरी कमी देखी गई. कटहल के पाउडर को इडली, डोसा के आटे के मिलावट में मिलाया जा सकता है व आटा ब्रेड बनाने में भी शामिल किया जा सकता है.
कैसे कर सकते हैं कटहल के आटे का सेवन- मणिपाल ग्लोबल के बोर्ड के अध्यक्ष मोहनदास पई ने बोला कि वह पिछले दो वर्ष से प्रतिदिन रात के खाने के बाद अपने नाश्ते में दलिया व ग्रीन टी में एक चम्मच कटहल पाउडर ले रहे थे. “यह निश्चित रूप से मेरे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मददगार साबित हुआ.