कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिस वजह अस्पतालों में मरीजों को बिस्तर नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में कई जगहों पर मरीजों को घर में ही रहने की सलाह दी गई है। कोविड-19 के लक्षण 14 दिनों में दिख जाते हैं और कई मामलों में लक्षण भी नहीं दिखते हैं। मरीज का घर में रहने का सबसे बड़ा खतरा यह होता है कि उससे घर के अन्य सदस्यों को भी संक्रमित होने का जोखिम होता है।
इस बात की पुष्टि करते हुए चीन में किये गये एक नये अध्ययन में बताया गया है कि कोविड-19 के जिन मरीजों में संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं और जिनमें ये नहीं दिख रहे हैं, दोनों ही आसपास के वातावरण को दूषित कर सकते हैं। शोधकर्ताओं के कहना है कि कोरोना के मरीजों को कमरे में बंद रखने से कपड़े और फर्नीचर आदि में चिपक सकते हैं इसलिए उन्होंने कोविड-19 के मरीजों वाले स्थानों पर वातावरण की स्वच्छता के महत्व को प्रदर्शित किया है।
कमरे की हर चीज पर चिपक सकता है वायरस
नये अध्ययन में वैज्ञानिकों ने मरीज के आसपास के वातावरण के नमूने एकत्र किये। अध्ययन में विदेश से लौटने पर चेंगदु स्थित पृथक वार्ड में रखे गये कोविड-19 के मरीजों को शामिल किया गया। इसमें दो उन मरीजों को भी शामिल किया गया, जिनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं नजर आ रहे थे।
बिस्तर, कमरे, शौचालय के दरवाजे की कुंडी, बिजली वाले उपकरणों के स्विच, पैर से दबाये जाने वाला फ्लश बटन और सिंक, शौचालय के अलावा बिस्तर का चादर, तकिया, और वहां की हवा आदि के नमूने लिये गये। अध्ययन में सतह के 112 नमूनों में 44 में सार्स-कोवी-2 की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। हालांकि, हवा के सभी नमूनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई।
बिना लक्षण वाले मरीज भी फैला सकते हैं वायरस
अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 के बगैर लक्षण वाले मरीज अपने आसपास की चीजों को संक्रमण का वाहक बना सकते हैं और उनमें सीधे संपर्क में आने वाले लोग, जैसे कि उनके परिवार के सदस्य और स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हो सकते हैं।
अध्ययन में कहा गया कि बगैर लक्षण वाले कोविड-19 के मरीज घर पर परिवार के सदस्यों के लिये खतरा पैदा कर सकते हैं और उनके लिये अस्पताल एक बेहतर विकल्प है। बलों
बेशक यह बीमारी किसी संक्रमित के संपर्क में आने से फैलती है लेकिन जब घर का हो कोई सदस्य बीमार हो जाए, तो उसे छोड़कर नहीं भागा सकता है। हम आपको अमेरिकन रेड क्रॉस पर बताये गए कुछ उपाय बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप मरीज की देखभाल कर सकते हैं और वो भी बना इसकी चपेट में आये।
घर और अस्पताल में कोरोना के मरीज का ऐसे रखें ध्यान
1) बीमार के कमरे से अलग क्षेत्र में रहें और यदि संभव हो तो एक ही बाथरूम का उपयोग करने से बचें।2) किसी भी सदस्य को घर में आने की अनुमति न दें। 3) अगर रोगी फेसमास्क नहीं पहन सकता और आप एक ही कमरे में हैं, तो आप पहनें।4) कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोएं। 5) यदि साबुन और पानी आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, तो अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। 6) अपनी आँखों, नाक और मुँह को अनचाहे हाथों से छूने से बचें।
7) बीमार व्यक्ति के कमरे और बाथरूम की उन जगहों और सतहों को तुरंत सैनिटाइज करें, जिन्हें वो छूता है। 8) मरीज का सामान जैसे कि बर्तन, गिलास, कप, खाने के बर्तन, तौलिए, बिस्तर या अन्य वस्तुओं को साझा करने से बचें। 9) इस्तेमाल होने के बाद इन वस्तुओं को अच्छी तरह से धोएं। 10) अगर कपड़े धोने हैं, तो डिस्पोजेबल दस्ताने पहनें और उस समय वस्तुओं से शरीर को दूर रखें। 11) काम खत्म करने के बाद दस्ताने हटायें और उसके तुरंत बाद अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं. 12) मरीज को तरल पदार्थों का अधिक सेवन कराएं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)