गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद लाभदायक है सुरज का धुप

गर्मी का मौसम आते ही हम सभी धूप से दूर भागने लगते हैं, लेकिन वास्तव में इसी धूप के कारण हमें एक बहुत अधिक आवश्यक तत्व प्राप्त होता है विटामिन डी।

खासतौर से, गर्भवती महिलाओं को विटामिन डी की आवश्यकता और भी अधिक होती है क्योंकि यह उनके व उनके गर्भ में पल रहे शिशु के समग्र विकास में अहम भूमिका निभाता है।
इसलिए गर्भवती महिलाओं को सुबह के समय जब धूप की तीव्रता कम होती है, कुछ देर के लिए धूप में अवश्य बैठना चाहिए।
‍♂️ तो चलिए जानते हैं गर्भवती महिलाओं को धूप से होने वाले फायदों के बारे में-
गर्भ में बच्चे की आंखों के सही विकास के लिए भी विटामिन डी की आवश्यकता होती है। कुछ शोध बताते हैं कि सूरज की किरणों की मदद से महिला के शरीर में फोटोन पर्याप्त मात्रा में जाते हैं तथा माता के शरीर से यह भ्रूण में मेलानोप्सिन नामक एक प्रोटीन का निर्माण करते हैं और यही प्रोटीन भ्रूण में स्वस्थ रक्त वाहिका और आंखों में रेटिनल न्यूरॉन विकास में मदद करते हैं।
मेलानोप्सिन नामक प्रोटीन की कमी सिर्फ गर्भस्थ शिशु की आंखों पर ही प्रभाव नहीं डालती, बल्कि यह बच्चों के व्यवहार को भी प्रभावित करती है। ऐसे बच्चों को एडीएचडी होने की संभावना भी रहती है।
धूप शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करता है। गर्भधारण के समय इस विटामिन का पर्याप्त मात्रा में होना आवश्यक है। अगर गर्भवती महिला के शरीर में विटामिन डी की कमी होती है तो इसका सीधा असर बच्चे के विकास पर पड़ता है।
विटामिन डी की कमी के कारण उसके शरीर में कैल्शियम का स्तर भी कम होता है। जिसके कारण उसके दांत व हड्डियां कमजोर बनती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ बच्चों को रिकेटस अर्थात सूखा रोग भी हो सकता है। इतना ही नहीं, ऐसे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है।
सूरज के संपर्क में आने के लिए हमेशा सही समय का चुनाव करें। याद रखें कि आप सुबह की हल्की धूप में सिर्फ आधा से एक घंटे के लिए ही बैठें।
सनबाथ के लिए सुबह सात से दस बजे तक का समय सबसे सही रहता है। अगर आप दोपहर में धूप में बैठेंगी तो उस समय सूरज की किरणें तेज होंगी और इससे आपको फायदे के स्थान पर नुकसान ही होगा।

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