हम सभी को कई बार गिरने या चोट लगने से खून निकलता है। अगर कम चोट में ब्लड क्लॉट बन जाने से खून नहीं निकले तो परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन चोट बहुत तेज लगी हो और ब्लड क्लॉट हो जाए तो समस्या बहुत गंभीर हो सकती है। जहां खून का बहाव होना चाहिए अगर वहां खून नहीं निकले तो आगे किसी बड़ी गंभीर समस्या को पैदा कर सकती है।
उदाहरण के लिए अगर ब्रैन की तरफ जाने वाला ब्लड क्लॉट हो जाए तो यह स्ट्रोक का महत्वपूर्ण कारण बन सकता है। वहीं पैरों में होने वाली ब्लड क्लॉटिंग को डीप वैन थ्रोमोबोसिस कहते हैं। ये पैरों से शुरू होकर फेफड़ों तक पूरी तरह जाती है। सर्जन के अनुसार ब्लड क्लॉटिंग बड़ी बीमारी का रुप लगातार लेती जा रही है। एक्सपर्ट की मानें तो इन 8 प्रकार के लोगों में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या सबसे अधिक होती है।
मोटापे के शिकार लोगों में ब्लड क्लॉटिंग की गंभीर समस्या आ सकती है। इन लोगों में वैनएस थर्मोबोएमबोलिज्म ब्लड क्लॉटिंग की गंभीर समस्या ज्यादा हो सकती है। इसके अलावा धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है। धूम्रपान करने फेफड़ो को नुकसान पहुंचता है लेकिन धूम्रपान खून ले जाने वाली नसों को भी अत्यधिक प्रभावित करता है।
गर्भवती महिलाओं को इस समय अपना ध्यान रखने की पूरी तरह आवश्यकता है। गर्भवती महिलाओं में भी ब्लड क्लॉटिंग का खतरा अत्यधिक रहता है। इसकी वजह उस दौरान मौजूद एस्ट्रोजन हार्मोन है। घंटों बैठकर काम करने वाले लोगों में भी ब्लड क्लॉटिग का खतरा अत्यधिक होता है। इसके अलावा बर्थ कंट्रोल पिल खाने वाली महिलाओं को ब्लड क्लॉटिंग का खतरा तकरीबन चार गुना ज्यादा होता है।