कानपुर। 23 जून यानि कल खबर आई थी कि कानपुर में एक आश्रय गृह में 57 नाबालिग लड़कियों ने COVID -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया, वहीं 7 लड़कियां गर्भवती पाई गईं जिनमे से कुछ नाबालिग भी थीं।NHRC ने उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस जारी किया है।
पैनल ने सभी लड़कियों के स्वास्थ्य की स्थिति, उनके चिकित्सा उपचार और अधिकारियों द्वारा उन्हें प्रदान की गई परामर्श सहित मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए बुलाया। एनएचआरसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार से इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और जांच की स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगने के अलावा, एक स्वतंत्र एजेंसी से मामले की जांच के आदेश देने की उम्मीद है।
पैनल ने उत्तर प्रदेश सरकार और डीजीपी दोनों को 4 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। कानपुर में बच्चों के आश्रय गृह में कम से कम 57 लड़कियों ने संक्रमित होने व 5 ने गर्भवती होने के लिए सकारात्मक परीक्षण किया। आश्रय गृह में दो अन्य लड़कियां, जिन्हें COVID -19 पाया गया, वे भी गर्भवती पाई गईं।
COVID-19 पॉजिटिव पाई गई पांच गर्भवती लड़कियों को POCSO एक्ट के तहत आगरा, एटा, कन्नौज, फिरोजाबाद और कानपुर की बाल कल्याण समितियों द्वारा भेजा गया था। कानपुर के डीएम ब्रह्मा देव राम तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि सभी सात लड़कियां गर्भवती थीं, जब वे आश्रय गृह में आई थीं।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि कानपुर के एलएलआर अस्पताल में दो लड़कियों का इलाज चल रहा है, जबकि तीन अन्य का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
एक फेसबुक पोस्ट में, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने आश्रय गृह में लड़कियों के गर्भवती होने की मीडिया रिपोर्टों को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला किया। उन्होंने लिखा, "मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले की पूरी कहानी देश के सामने है। इस तरह का मामला यूपी के देवरिया में भी सामने आया था।"