नई व सटीक तकनीक ने सरल बनाया इलाज, पढ़े

एक हालिया अध्ययन में पता चला है कि अब पांच तरह के कैंसर का उपचार केवल एक सप्ताह या उससे भी कम समय में होने कि सम्भावना है. कई अध्ययनों व परीक्षणों के बाद पता चला है

कि रेडियोथेरेपी ट्यूमर को नष्ट करने में बहुत ज्यादा प्रभावी हो सकती है. इस इलाज में पांच दिन या उससे भी कम समय लगने की उम्मीद जताई जा रही है. ब्रिटिश डॉक्टरों द्वारा किए गए इस नए अध्ययन के निष्कर्ष अप्रैल में मेडिकल जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित हुए थे.
नई व सटीक तकनीक ने सरल बनाया इलाज कैंसर कोशिकाओं को समाप्त करने वाली ताकतवर रेडियोथेरेपी कराने वाले लोगों को पहले बहुत ज्यादा कठिनाई झेलनी पड़ती थी. अक्सर वे अपना कार्य व पारिवारिक ज़िंदगी ताक पर रखकर छह हफ्ते तक अस्पतालों के चक्कर काटते रहते थे. लेकिन अब नयी व सटीक तकनीक में प्रगति होने से उनको रेडियोथेरेपी कराने में बहुत ज्यादा सुविधा होगी.
यह एक सुरक्षित उपचार, कोई दुष्प्रभाव नहीं पिछले दो दशकों में ब्रिटेन के डॉक्टरों ने यह दिखाने का कोशिश किया है कि कम सत्रों में रेडियोथेरेपी की ज्यादा खुराक देने से कुछ प्रकार के कैंसरों (स्तन, आंत्र, प्रोस्टेट व फेफड़ों के कैंसर) का प्रभावी उपचार होने में सफलता मिल सकती है. डॉक्टरों के मुताबिक, बार-बार किए परीक्षणों ने यह दिखाया है कि अधिक मात्रा में रेडियोथेरेपी देने से स्वस्थ ऊतक को अधिक नुकसान पहुंचा सकता है जैसी चिंता के बावजूद यह इलाज बहुत ज्यादा सुरक्षित है व इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं.
नए ढंग से उपचार से कम हुई रोगियों की संख्या नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) क्लीनिक ने महामारी के बीच कैंसर रोगियों के लिए इलाज को व अधिक कुशल बनाने के उपायों की तलाश की व कई रोगी इन उपायों को अपना चुके हैं. इसका नतीजा यह है कि रेडियोथेरेपी इलाज के जरिए एनएचएस में स्तन, आंत्र, प्रोस्टेट व फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहे रोगियों की बढ़ती संख्या अब कम हो रही है.
रॉयल कॉलेज ऑफ रेडियोलॉजिस्ट के अध्यक्ष व लंग ऑन्कोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डाक्टर जेनेट डिकसन ने कहा, रोगी सबसे अच्छा उपचार चाहते हैं. लेकिन साथ ही वे यह भी चाहते हैं कि उपचार के चलते उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में कोई परेशानी न हो. ऐसे में वे उपचार में लगने वाले छह हफ्तों के लंबे समय के बजाय एक सप्ताह का कम समय वाला विकल्प पसंद कर रहे हैं.

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