कानपुर, 22 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के कानपुर संवासनी गृह में सात किशोरियां गर्भवती पायी गयी हैं, जिनमें से 5 कोरोना संक्रमित है। दो की र्पिोट निगेटिव है। डीएम ब्रम्हदेव तिवारी ने बताया कि युवतियां यहां लाए जाने से पहले ही गर्भवती थीं।कानपुर संवासिनी गृह व वहां रह रही संवासनी के संबंध में मंडलायुक्त सुधीर एम बोबडे और जिलाधिकारी ब्रह्म देव राम तिवारी ने बताया, इस संरक्षण गृह में 57 लोगों की रिपोर्ट कोविड पाजिटिव पाई गई है। इस जांच में 7 बालिकाएं गर्भवती पाई गई, जिसमें 5 कोरोना पजिटिव हैं, शेष 2 की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई।
उन्होंने बताया, जिन पांच बालिकाओं की रिपोर्ट पाजिटिव आई है, ये सभी पक्सो एक्ट के तहत क्रमश: जनपद आगरा, एटा, कन्नौज, फिरोजाबाद व कानपुर के सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) से संदर्भित करने के पश्चात यहां रह रही थीं। ये सातों बालिकाएं यहां प्रवेश के समय से ही गर्भवती थीं। पाजिटिव बालिकाओं में से 2 बलिकाओं को एलएलआर में तथा 3 को रामा मेडिकल कलेज में कोविड प्रोटोकाल के अनुसार इलाज हेतु भर्ती कराया गया है।
इस मामले को लेकर विपक्ष भी मुखर है कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, बिहार के मुजफ्फरपुर का मामला सबके सामने है। उत्तर प्रदेश के देवरिया में ऐसा ही मामला आ चुका है। ऐसे में पुन: इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति से साफ है कि सरकार ने सबक नहीं लिया। किसी को बख्शा नहीं जाएगा जैसे जुमले बोल देने से व्यवस्था नहीं बदलती मुख्यमंत्री जी। देवरिया से कानपुर तक की घटनाओं में क्या बदला।
उधर, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाषिनी अली ने संवासिनी गृह प्रकरण में जांच कराए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने इस सिलसिले में एसएसपी को एक ज्ञापन भेजा है। इस विषय में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग उठाई है।
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