सासाराम, रोहतास। फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले शिक्षकों की तलाश में एक बार फिर निगरानी विभाग जुट गया है। निगरानी विभाग के डीएसपी ने डीईओ को पत्र भेज बीटेट के प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षकों की पूर्ण विवरणी उपलब्ध कराने को कहा है। ताकि फर्जी शिक्षकों का पता चल सके। इस निर्देश के बाद डीपीओ स्थापना ने सभी बीईओ को पत्र भेज तीन दिन के अंदर नियोजित शिक्षकों की विवरणी उपलब्ध कराने के लिए कहा है, ताकि फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी के साथ अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जा सके।
डीपीओ सुमन शर्मा ने बताया कि निगरानी डीएसपी ने बीटेट के प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले शिक्षकों का पूरा ब्योरा तलब किया है। जिसके बाद बीईओ को निर्देश दिया गया है कि वे पत्र प्राप्ति के तीन दिन के अंदर उनके प्रखंड व नगर निकाय क्षेत्र में बहाल सभी शिक्षकों का ब्योरा विहित प्रपत्र में उपलब्ध कराएं ताकि प्रतिवेदन निगरानी विभाग को भेजा जा सके। प्रतिवेदन में प्रखंड, नियोजन इकाई, विद्यालय, शिक्षक के अलावा मैट्रिक के अनुसार शिक्षक के पिता का नाम, बीटेट का रौल नंबर, सिरियल नंबर, कैटेगरी, पेपर द्वितीय का प्राप्तांक का उल्लेख अनिवार्य होगा। तय समय के अंदर जिस प्रखंड से प्रतिवेदन प्राप्त नहीं होता है तो उसकी जिम्मेदारी बीईओ की होगी।
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बताते चले कि निगरानी द्वारा नियोजित शिक्षकों के नियोजन से संबंधित प्रमाण पत्रों की मांगने की कवायद यह पहली बार नहीं है।इसके पहले भी कई बार निगरानी के आला अधिकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र भेज शिक्षक नियोजन फोल्डर को उपलब्ध कराने का निर्देश दे चुका है, फिर भी शत फीसद शिक्षकों का फोल्डर आज तक निगरानी को उपलब्ध नहीं हो सका है। इसे ले विभागीय अधिकारी व इकाई के बीच चुहा-बिल्ली का खेल जारी है। बहरहाल साढ़े तीन हजार से अधिक शिक्षकों का फोल्डर विजिलेंस को उपलब्ध नहीं हो सका है। विभाग ने अबतक पौने दो सौ वैसी नियोजन इकाई के सचिवों पर प्राथमिकी दर्ज की है, जहां से फोल्डर नहीं मिले हैं। जबकि पंचायती राज विभाग के माध्यम से भी नियोजित शिक्षकों का प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश सरकार दे चुकी है।
Posted By: Jagran
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