सवाल : क्या महिलाएं मासिक धर्म के दौरान भी योग-ध्यान कर सकती हैं? अनुमेहा सिंह जवाब: सिर्फ मासिक धर्म के समय ही नहीं, कोई दूसरी शारीरिक समस्या है तो भी योग करने से बचें. जैसे बुखार, सर्दी-जुकाम आदि में योग नहीं करें. माहवारी के प्रारम्भ के दो-तीन तो कोई भी एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए. आप चाहती हैं तो चौथे दिन से हल्के आसन जैसे स्ट्रेचिंग, प्राणायाम आदि करें.
सवाल : क्या योग से केवल शरीर लचीला बनाता है? इसमें पसीना कम निकलता व कैलोरी कम बर्न होती है? राज किरण गौड़ जवाब: यह भ्रम है कि योग केवल शरीर को लचीला बनाता, पसीना कम निकलता या कैलोरी कम बर्न होती है. योग का अर्थ संपूर्ण होता है. इसे ठीक ढंग से करने पर दूसरे व्यायाम की तुलना में कैलोरी अधिक बर्न होती है. योग ऐसी क्रिया है जिससे आप पसीना तो निकाल ही सकते हैं, चाहें तो शरीर को ठंडा या गर्म भी कर सकते हैं. अपनी आवश्यकता के अनुसार वाले एक्सरसाइज करें.
सवाल : मेरे बेटे की आयु 10 साल है. क्या उसे योग कराना चाहिए? क्षिप्रा अवस्थी, इंदौर जवाब: हां, इस आयु से योगाभ्यास करवा सकती हैं. तीन वर्ष की आयु से एक्सरसाइज करवाना चाहिए लेकिन ज्यादा मुश्किल आसन न कराएं. संभव हो तो किसी विशेषज्ञ से उनके आसन की जानकारी कर लें. गर्भावस्था में भी योगाभ्यास से बहुत फायदा होते हैं. सवाल : जो लोग दुबले-पतले होते हैं उनको योग-मेडिटेशन की आवश्यकता नहीं पड़ती है? क्या यह बात ठीक है? रीमा शर्मा, 34 साल और अनेक पाठक जवाब: योग मोटे-पतले की नहीं, बल्कि तन-मन को स्वस्थ रखने की बात करता है. पतले व्यक्तिके लिए योग-मेडिटेशन उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि मोटे लोगों के लिए है. नियमित योग शरीर और मन को निरोग करने के साथ ज़िंदगी सुखी रखने में भी मदद करता है आचार्य प्रतिष्ठा, योग गुरु, मोक्षायतन योग संस्थान, सहारनपुर