कोरोना वायरस (Covid-19) से निपटने के लिए वैक्सीन बनाने के लिए एंटीबॉडीज (Anti Bodies) पर भी तेजी से कार्य चल रहा है. एंटीबॉडीज शरीर को वायरस से लडऩे में सक्षम बनाती हैं.
हाल ही कोरोना से सबसे ज्यादा त्रस्त अमरीका से ही एक अच्छी खबर आई है. अमरीकी आर्मी (American Army) ने कोरोना वायरस से लडऩे के लिए १८ नयी एंटीबॉडीज की खोज की है. इतना ही नहीं उन्होंने सार्स वायरस के लिए भी एंटीबॉडीज ढूंढने में सफलता हासिल की है. ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय (Texas University) के साथ अमरीकी सेना के शोधकर्ताओं ने मानव शरीर में कोरोनावायरस को नष्ट करने के लिए नए ढंग तैयार विकसित किए हैं. शोधकर्ताओं ने कोरोना रोगियों के शरीर से एंटीबॉडी के 18 नए सेट हासिल किए हैं. हालांकि इस्तेमाल अभी भी चल रहे हैं. अमरीकी सेना का बोलना है कि यह संसार के लिए एक बड़ी अच्छी खबर है.
अमरीकी सेना के फ्यूचर्स कमांड (American Army's Future Command) के कमांडर जनरल जॉन मरे (General John Murrey) ने बोला कि उनकी एजेंसी विश्वविद्यालय में अन्य विशेषज्ञों के साथ 'संभावित न्यूट्रलाइजिंग' एंटीबॉडी हो सकती हें जो सीधे वायरस को नष्ट कर देंगे. सभी 18 नए खोजे गए एंटीबॉडीज तकनीकी रूप से वायरस को बेअसर करने के लिए एक वैक्सीन के रूप में विकसित किए जा सकते हैं. एक 'संभावित न्यूट्रलाइजिंग' एंटीबॉडी एक रोगजऩक़ वरायरस के प्रसार को रोकने में सक्षम है.
कैसे कार्य करता है एंटीबॉडी नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 एंटीबॉडी वायरस का टीका नहीं हैं. ये ब्लड पैकेट्स कोरोनोवायरस रोगियों से एकत्र किए जाते हैं. शोध के अनुसार एक बार जब कोई आदमी वायरस से अच्छा हो जाता है तो संभावनाएं होती हैं कि उनके रक्त में एंटीबॉडी होते हैं जो वायरस के विरूद्ध लड़ सकते हैं जिससे रोगी वायरस के संक्रमण से बहुत ज्यादा हद तक सुरक्षित हो जाता है. वाशिंगटन विश्वविद्यालय (Washington University) के शोधकर्ताओं ने 25 विभिन्न एंटीबॉडी का परीक्षण किया, लेकिन एस-309 नामक एक विशेष नमूना मिला जिसमें कोविड-19 के विरूद्ध एक ताकतवर पोटेंशियल एंटीबॉडी है. एस-309 पर हो रहा शोधकर्ताओं का यह इस्तेमाल अगर पास होता है तो नोवेल कोरोनावायरस को उत्परिवर्तन से रोका जा सकता है.